राजीव भनोट।ऊना/चंडीगढ़ : कला एवं सृजन को समर्पित उम्मीद संस्था द्वारा टीएस स्टेट सेंटर लाइब्रेरी के सहयोग से गत दिवस चंडीगढ़ के सेक्टर 18 स्थित लाइब्रेरी के सभागार में तीन महत्वपूर्ण कवियों की स्मृति में विशेष कविता पाठ का आयोजन किया गया।
गजानन माधव मुक्तिबोध, सुदामा पांडे धूमिल व हरिवंश राय बच्चन को यह कार्यक्रम इसलिए समर्पित किया गया क्योंकि हिंदी साहित्य जगत के इन तीनों कालजयी कवियों का जन्म नवंबर माह में हुआ था । इस कार्यक्रम में हिमाचल पंजाब हरियाणा व ट्राइसिटी चंडीगढ़ के करीब 40 कवियों ने हिस्सा लिया और यह कार्यक्रम देर शाम तक चला। उम्मीद संस्था के संस्थापक व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. कुमार कृष्ण ने इन तीनों कवियों की कविताओं व रचना कर्म को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए कहा कि हिंदी जगत हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
उन्होंने कहा कि आज के इस संवेदनहीन समय में इन कवियों को याद करना बहुत जरूरी है। उन्होंने खासतौर पर कवि सुदामा पांडे धूमिल की इन पंक्तियों को रेखांकित किया- ” वक्त बहुत कम है, इसलिए कविता पर बहस शुरू करो और शहर को अपनी ओर झुका लो, क्योंकि असली अपराधी का नाम लेने के लिए , कविता उतनी ही देर तक सुरक्षित है, जितनी देर कसाही के ठीहे और तनी हुई गंडास के बीच बोटी सुरक्षित है…।
प्रियंका भारद्वाज व जय चंद शर्मा के कुशल मंच संचालन में काव्य प्रेमी कविता की फुहारों में सराबोर होते रहे। कार्यक्रम में पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अशोक कुमार सभरवाल व डॉ राजकुमार मलिक खास तौर पर उपस्थित रहे। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि डॉ कैलाश आहलूवालिया, डॉ कुमार कृष्ण , डॉ राजवंती मान, जसवीर कौर, गुरदीप कौर गुल, नासिर युसूफ जेई, डॉ शशि कुमार, डॉ जय चंद शर्मा, डॉ संतोष शर्मा , विजय कपूर, डॉ नीरू, डॉ प्रियंका भारद्वाज , बबीता कपूर , शमशेर साहिल , नंदकिशोर , डॉ पान सिंह , डॉ अश्वनी शांडिल, अजय राणा, डॉ दिनेश यादव, शम्मी साहिल, मयंक , विवेक, नरेश कुमार, अंजलि बंगा, प्रीति , जीत बाजवा और रुपेश शर्मा ने कविता पाठ किया।