देवेंद्र सूद। गगरेट
उपमंडल गगरेट के गुगलैहड़ गांव में निर्माणधीन स्टोन क्रशर (Stone Crusher) के विरोध में ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण स्टोन क्रशर के निर्माण के विरोध में हैं। इससे गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस स्टोन क्रशर (Stone Crusher) का निर्माण न किए जाने की मांग की।
शनिवार को गुगलैहड़ गांव में स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस व नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और स्टोन क्रशर से गांव की आबादी की दूरी मापी, सैकड़ों ग्रामीण एकजुट होकर इस निर्माणाधीन क्रशर को गांव में लगाने का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों शशि पाल, कृष्ण कुमार, रजनीश कुमार, दीवान चंद, सरोज कुमारी ने बताया कि इस स्टोन क्रशर को लगाने के लिए गांव के लोगों को धोखे में रखकर एनओसी जारी की गई है।
उन्होंने बताया कि इस क्रशर के निर्माण से गांव गुगलैहड़ के वार्ड नंबर 5 लोगों का जीवन नर्क हो जाएगा। लोगों की कृषि योग्य भूमि बंज़र हो जाएगी तो वहीँ सबसे बड़ी समस्या जल स्तर को लेकर पैदा होगी। यहां इस क्रशर का निर्माण किया जा रहा है, उससे कुछ ही दूरी पर आबादी है।
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत इस क्रशर की मंजूरी को रद किया जाए नहीं तो ग्रामीण अपने परिजनों के साथ इसी स्थान पर धरने पर बैठेंगे। ग्रामीणों में भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन व कुछ नेताओं के सहयोग से ही इस क्रशर का निर्माण तय नियमों के विपरीत किया जा रहा है।
गांव के प्रधान उपनिष सिंह ने बताया कि पूर्व पंचायत ने इस स्टोन क्रशर को एनओसी जारी की थी। ग्रामीण नहीं चाहते कि उनके गांव में इस स्टोन क्रशर का निर्माण किया जाए। प्रशासन के सहयोग से समस्या का उचित समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है। पंचायत ग्रमीणों के साथ है।
जिला परिषद सदस्य रजनी देवी ने बताया कि प्रशासन के अधिकारी दबाव में काम कर रहे हैं। ग्रामीणों की आवाज को दबने नहीं दिया जाएगा। क्रशर जनता की सहमति के बिना नहीं लगना चाहिए। कुछ लोग इस मामले में पर्दे के पीछे रहकर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। जनता देख रही है खनन माफिया को कौन संरक्षण दे रहा है।
एसडीएम गगरेट विनय मोदी ने बताया कि ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर उनसे मिले हैं। उन्होंने नायब तहसीलदार को मामले की जांच कर रिपोर्ट करने को कहा है। ग्रामीणों की हर समस्या का समाधान किया जाएगा। क्रशर के मालिक संदीप सिंह का कहना है कि उन्होंने सारी औपचारिकताएं पूरी करने व सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया है। उन्होंने सभी दस्तावेज दिखाएं भी हैं।