पुनीत वर्मा। सुबाथू
सांस्कृतिक संध्या हो और नाटी किंग कुलदीप शर्मा की नाटी कार्यक्रम में रंग न जामए ऐसा हो नहीं सकता। शनिवार को कुलदीप शर्मा की फेमस पहाड़ी नाटी “बन ठन चली देखे जातिरे रे जातिरे बन ठन चली देखे जातिरे रे,” साहिबा रे बावी रे रंग डालना चूना हो साहिबा रे बावी रे,” कुल्लू मनाली लगा मेला, जैसी कई नाटियों पर 70 वर्षों बाद मिले बिछुड़े साथी ऐसे झूमे कि सब देख कर हैरान रह गए।
मौका था प्रथम सपाटू फेस्टिवल एवं 2 दिवसीय परिवार मिलन समारोह की पहली सांस्कृतिक संध्या का। सुबाथू परिवार मिलन समारोह के दौरान सोलन के विधायक कर्नल धनी राम शांडिल ने मुख्य रूप से शिरकत की। इस मौके पर चंडीगढ़ के ज्योतिषाचार्य एवं लेखक मदन गुप्ता सपाटू सहित मिलन समारोह में पहुंचे अतिथियों ने उनका व उनके परिवार का स्वागत किया।
इस आयोजन के दौरान गुरु-शिष्य का मिलन भी सुबाथू के इतिहास में यादगार बन गया।कर्नल धनी राम शांडिल ने समरोह में अपने 95 वर्षी गुरु मनोहर लाल आजाद के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया।
सांस्कृतिक संध्या सुबाथू के इतिहास के साथ शुरू हुई। कैंडल लाइट एंड साउंड के साथ स्कूल की प्रधानाचार्य उपसना विशिष्ट ने धड़कते सुबाथू के ऐतहासिक चौक बाजार के कुएं पर बीत चुकी यादों को एक बार फिर से ताजा कर दिया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में स्थानीय कलाकारों सहित बाहरी क्षेत्र से आए हुए अतिथियों ने अपनी-अपनी कला का जादू बिखेर पंडाल में बैठे लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में हरदीप बिट्टू व राजेश ने स्कूल में अध्यापकों व शिष्यों की जुगलबंदी सुना दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।
वहीं कर्नल राय ने पंजाबी गाना मैनू तेरा सबब ले बैठा, कुसुम गुप्ता की कविता “खींच ही लाया सुबाथू का आकर्षण ” सहित मनोज कुमार सोलन ने “याद न जाए बीते दिनों की जाकर जो आए वो दिन दिल क्यों बुलाए” पर पंडाल में बैठे लोगों को कई वर्ष पुराने दशकों में ले गए।