विजय शर्मा। सुंदरनगर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा एक देश, एक कानून, सबका साथ, सबका विकास धरातल में फलीभूत होता नजर नहीं आ रहा है। दिव्यांगों के नाम पर देश में किए जा रहे सबसे बड़े घोटाले और कानून 2016 को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश दिव्यांगजनों के कानूनी सलाहकार एवं मुख्य समाजसेवी कुशल कुमार सकलानी ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस मामले में जो संलिप्त हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
कुशल कुमार सकलानी का कहना है कि दिव्यांगों के नाम पर जो घोटाले किए जा रहे हैं, हिमाचल में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रहे हैं। उन्होंने दो टूक शब्दों में चेताया है कि अगर शीघ्र ही प्रधानमंत्री ने राज्य की सरकारों को दिव्यांगों के साथ जो छलकपट किया जा रहा है, उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई के निर्देश नहीं दिए तो मजबूर होकर दिव्यांगों को अपने हक के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए विवश होना पड़ेगा।
उन्होंने मांग की है कि दिव्यांगों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से कम करके 58 वर्ष की है, उसे 60 वर्ष ही किया जाए, क्योंकि अन्य राज्यों में भी दिव्यांगों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष और 62 वर्ष ही है। सकलानी का कहना है कि हिमाचल की सरकार दिव्यांगों के साथ जो अत्याचार कर रही है, किसी भी सूरत में सहन नहीं होगा। उन्होंने इस संदर्भ में दिव्यांगों से संबंधित 12 सूत्री मांग पत्र प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।