हिमाचल प्रदेश में साल भर अनेक त्योहार (festival) मनाए जाते है. प्रदेश भर में सक्रांति पर कोई न कोई उत्सव मनाया जाता है जोकि प्रदेश की पहाड़ी संस्कृति के प्रतीक है. प्रदेश में मनाया जाने वाला सैर उत्सव या सायर उत्सव भी इन्ही त्योहारों में से एक है।
सितंबर महीने यानी आश्विन महीने की संक्रांति को कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर और सोलन सहित प्रदेश के अन्य कुछ जिलों में भी सैर या सायर का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यह कहा जा सकता है की यह त्योहार वर्षा ऋतु के खत्म होने और शरद् ऋतु के आगाज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह त्योहार उस समय होता है जब खरीफ की फसलें पक जाती हैं और काटने का समय होता है, इस त्योहार पर किसानो द्वारा अच्छी फसल के लिए भगवान को धन्यवाद करने के लिए यह त्योहार मनाते हैं।
सैर का त्योहार में “सैरी माता” को फसलों का अंश और मौसमी फल चढ़ाए जाते हैं और साथ ही राखियां भी उतार कर सैरी माता को चढ़ाई जाती हैं। इस त्योहार को सोलन के अर्की और हमीरपुर के लदरौर में सायर का जिला स्तरीय मेला होता है। कुल्लू में सैर को सैरी साजा के रूप में मनाया जाता है।