हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य सरकार बेशक स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन राज्य के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के एक विभाग में बीमा वाले गरीब मरीजों से वसूली का धंधा चल रहा था। मरीजों को आपरेशन टेबल पर पहुंचाकर उनसे सामान बाजार से खरीदने को कहा जाता था।
स्वास्थ्य विभाग ने अपने आंतरिक आडिट में आईजीएमसी के ऑर्थो विभाग में 32 मरीज ऐसे पाए हैं, जिनसे से कार्ड होने के बावजूद बाहर से सामान, दवाएं या उपकरण मंगवाए गए। इस आडिट रिपोर्ट पर सरकार ने अब प्रिंसिपल एवं विभागाध्यक्ष डा. मुकुंद लाल, आईजीएमसी के एमएस और आपरेशन करने वाले संबंधित डाक्टर के कमेंट मांगे हैं। इसके बाद कार्रवाई होगी। अब तक की जांच में चार डाक्टरों पर गाज गिरने वाली है। इनमें से एक को पहले ही चार्जशीट कर दिया गया है। तीन और का नंबर लगने वाला है।
गौरतलब है कि हिमकेयर के तहत सरकार कैशलेस इलाज की सुविधा देती है। आयुष्मान के बराबर का पैकेज इसमें है। इसलिए मरीज को बाहर से सामान लाने के लिए नहीं का जा सकता। आडिट से भी ये भी पता चला है कि हिम केयर में मिलने वाले सामान की गुणवत्ता को लेकर संबंधित डाक्टरों ने कभी लिखित में नहीं दिया, जबकि मरीजों को डराकर बाहर से सामान मंगवाया जाता रहा।
मंडी के ऑडियो-वीडियो पर एमएस से रिपोर्ट तलब
आईजीएमसी के आर्थो विभाग में ही हाल ही में सामने आए मंडी के मरीज के एक ऑडियो और वीडियो पर सरकार ने जांच के आदेश दिये हैं। इस मामले में एमएस को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सबमिट करने को कहा है।
आईजीएमसी के ऑर्थो विभाग में हेल्थ बीमा वाले मरीजों से आंशिक वसूली के मामले ऑडिट में पकड़े गए हैं। सारा मामला सरकार के ध्यान में है और इस पर जल्द कार्रवाई होगी।
-विपिन परमार, स्वास्थ्य मंत्री