संगड़ाह : जय प्रकाश।
प्रमुख आस्था स्थल चूड़धार मे इस मौसम के पहले हिमपात बाद यहां जाने वाले दोना रास्ते बंद हो गए है। रविवार को सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाली चूड़धार पर्वत श्रंखला पर आधा फुट के करीब हिमपात हुआ। सोमवार को मौसम साफ रहने के चलते बर्फ से ढकी चूड़धार चोटी चांदी की तरह चमकती दिखाई दी। यहां बर्फबारी के बाद साथ लगते अन्य क्षेत्रों मे भी कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। पहले हिमपात के बाद बंद होने वाले शिरगुल महाराज मंदिर चूड़धार के कपाट परम्परा के अनुसार अब अप्रेल माह मे वैशाखी पर खुलेंगे।
चूड़धार चोटी पर रात को तापमान 0 डिग्री से नीचे रहने के बावजूद आसपास के लोगों द्वारा यहां छोड़े गए गोवंश अथवा मवेशियों की सुध लेने वाला कोई नही है। न तो यहां प्रदेश सरकार व प्रशासन के गौशालाओं के दावे पूरे हुए, न ही पीटा व गौरक्षा के दावे करने वाले संगठन इनकी सुध लेते हैं, न इन्हे ऐसे छोड़ने वालों पर कार्यवाही होती है और न ही मेनका गांधी इनका दर्द जानती है।चोटी पर हिमपात होने पर हर साल ऐसे कई पशु ढंड से मर जाते है।
चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा ने रास्ते बंद होने के चलते श्रदालुओं व ट्रकर्स से अब चूड़धार की यात्रा पर न करने की अपील की है। गौरतलब है कि, चूड़धार मे सड़क, हैलिपैड व प्रथमिक चिकित्सा जैसी मूलभुत सुविधाएं न होने के चलते हिमपात के दौरान साल मे करीब छह माह यहां यात्रा बंद रहती है। साढ़े 8 करोड़ की लागत से बनने वाली नौहराधार-चूड़धार के लिए अब तक अधिशासी अभियन्ता संगड़ाह को नाबार्ड से स्विकृत बजट उपलब्ध होना शेष है।