अनूप शर्मा। बिलासपुर
सदर विकास खंड की बल्ह.बल्हवाणा पंचायत के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने सोमवार को हुई पहली ही बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से निपटने की शुरुआत कर दी। पंचायत के पिछले कार्यकाल में हुई वित्तीय अनियमितताओं को लेकर लोगों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए नव निर्वाचित प्रतिनिधियों ने नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इन शिकायतों को 2.3 दिनों के भीतर पंचायती राज विभाग और विजिलेंस को भी सौंपा जाएगा।
बल्ह-बल्हवाणा पंचायत के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने पंचायत के पिछले कार्यकाल में घोटालों और वित्तीय अनियमितताओं पर कार्रवाई न होने तक कुर्सी पर नहीं बैठने का संकल्प लिया है। सोमवार को पहली बैठक में सभी प्रतिनिधि अपने इस संकल्प पर अडिग रहे। पंचायत प्रधान रजनीश ठाकुर के साथ ही उपप्रधान केसर सिंह तथा वार्ड मेंबर अंजुए दीपरामए कमलाए निशाए रामकलीए पिंकी व इंद्रपाल ने कुर्सियों के बजाए पंचायत के प्रांगण में दरी पर बैठकर सारी कार्रवाई पूरी की। इस दौरान उनके पास कई मौखिक और कई लिखित शिकायतें भी आई।
जानकारी के अनुसार बैठक के दौरान कुछ लोगों ने लिखित शिकायत दी कि पंचायत के पिछले कार्यकाल में मनरेगा के तहत उनका बकरी शेड मंजूर किया गया था। इसके लिए लगभग 35 हजार रुपये मिलते हैं। सारा काम करने के बावजूद उन्हें इस राशि का चौथा हिस्सा ही मिल पाया। उन्हें सीमेंट के कुछ बैग दिए गए थेए जबकि रेतए बजरी व अन्य सामग्री उन्होंने खुद खरीदी। हैरान करने वाला पहलू यह है कि रेत.बजरी के सप्लायर के खाते में यह पैसा जमा कर दिया गयाए जबकि उसने यह सामग्री उन्हें दी ही नहीं। इस बारे बार.बार पूछने के बावजूद तत्कालीन प्रधान और सचिव ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। परेशान होकर उन्होंने पूछना ही बंद कर दिया।
शिकायतकर्ताओं ने कहा कि पंचायत के नए प्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। इसी को देखते हुए वे उनके पास शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि उनकी बकाया राशि उन्हें जल्द दिलाई जाए। उधरए इस बारे पंचायत प्रधान रजनीश ठाकुर ने कहा कि पिछले कार्यकाल में गड़बड़ियों तथा वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। पंचायत इनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। इन शिकायतों को सूचीबद्ध करके जल्द ही पंचायती राज विभाग और विजिलेंस को भी सौंपा जाएगाए ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। दूध का दूध और पानी का पानी न होने तक कोई भी पंचायत प्रतिनिधि कुर्सी पर नहीं बैठेगा। हालांकि इससे लोगों के कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वे सुचारू रूप से होते रहेंगे।