चंद्रमोहन चौहान। ऊना
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों। शायर की यह पंक्तियाँ ऊना मुख्यालय पर स्थित वन विभाग की कालोनी में रहने वाली ईशा पर एकदम फिट बैठती है। डॉ. वाईएस परमार वानिकी विश्वविद्यालय से हॉर्टिकल्चर विषय में स्नातक ईशा ने होम बेकिंग के माध्यम से स्वरोजगार को अपनाया है।
माता-पिता के सहयोग व 50 हजार रुपए की धनराशि का निवेश कर ईशा ने केक, ब्राउनी, कप केक, पेस्ट्रीज़, कुकीज व होम मेड चॉकलेट बनाने का व्यवसाय शुरू किया। एक वर्ष के छोटे से अंतराल में ही उनका व्यवसाय फलने-फूलने लगा है और वह जिला ऊना ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए महिला उद्यमिता की मिसाल बनकर उभरी हैं। उनके केक की डिलीवरी के लिए ग्राहक को अपना ऑर्डर 3से 10 दिन पहले तक देना पड़ता है।
ईशा चौधरी ने जनवरी 2020 को होम बेकिंग के व्यवसाय की शुरुआत की और शुरुआती एक महीने में ही अच्छा रुझान मिला। विदेशों में या बड़े शहरों में होम बेकिंग का अच्छा काम होता है लेकिन ऊना में इस तरह का यह पहला प्रयास रहा, जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आया। द डेनटी डोज़ (The Dainty Doughs) ब्रांड नाम से होम बेकिंग की दुनिया में कदम बढ़ा रही ईशा इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप्प के माध्यम से ही ऑर्डर प्राप्त करती हैं। ईशा घर पर ही अपने प्रोडक्टस तैयार करती हैं और लोग घर से अपना सामान आकर ले जाते हैं। अपने काम से उत्साहित ईशा जल्द ही बड़ा वर्कशॉप खोलने पर विचार कर रही हैं।
बेरोजगार युवा पीढ़ी को ईशा ने स्वरोजगार अपनाने की नसीहत दी है। ईशा की माने तो अगर बढ़ने के लिए रिस्क तो उठाना ही पड़ता है। वहीँ ईशा को जिला प्रशासन द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत शुरू किये गए गरिमा सम्मान से भी सम्मानित किया जा चूका है।