अशोक ठाकुर। इंदौरा
हाथ जोड़कर जनता से वोट मांगने वाले नेता जीत के बाद जनता को भूल जाते हैं ऐसा अक्सर सुनने में आता रहता है, लेकिन ऐसा ही एक ताजा उदाहरण विधानसभा इंदौरा की पंचायत लोधवां में देखने को मिला।
जानकारी के अनुसार यहां टीकाकरण का कैंप लगाया गया था, लेकिन पंचायत प्रधान ने पंचायत भवन खोलना ही मुनासिब नहीं समझा, जिसके चलते चिलचिलाती धूप में बच्चे भी बिलखते रहे। टीकाकरण करने आई आशा वर्कर्स ने कहा कि उन्होंने पंचायत प्रधान से कई बार आग्रह किया कि पंचायत भवन को खोल दिया जाए, लेकिन पंचायत प्रधान ने न तो चाबी दी और न ही भवन का ताला खोला, जिससे स्थानीय लोगों में भी भारी रोष है।
जब इस बारे में पंचायत प्रधान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैंने चाबी किसी के हाथ दे दी थी और रहा पंचायत भवन को खोलने का सवाल तो यह मेरा काम नहीं है। लोगों में इस बात को लेकर भी चर्चा है कि जनता के चुने प्रतिनिधि अगर लोगों की दिक्कतें नहीं समझेंगे तो आम जनता कहां जाएगी।
सबसे बड़ी खास बात यह है कि पंचायत भवन से पंचायत प्रधान का घर महज 50 मीटर की दूरी पर है। फिर भी पंचायत प्रधान ने पंचायत भवन नहीं खोला जिसके चलते लोगों में रोष है।