शिमला:हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य के परिवहन विभाग को कहा है कि सभी कमर्शियल और ट्रांसपोर्ट वाहनों में लगने वाले व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस के मामले में विभाग अन्य कंपनियों की इंपैनलमेेंट पर जल्द फैसला ले। विभाग की इंपैनलमेंट प्रक्रिया को संतोषजनक पाते हुए कोर्ट ने कहा कि ये सभी आरटीओ सुनिश्चित करें कि इंपैनल कंपनी से बाहर कोई डिवाइस न लगे।
ऐसे वाहन को पंजीकृत भी नहीं किया जाए, जिसका डिवाइस इंपैनल कंपनी का न हो। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एल नारायण स्वामी और जस्टिस ज्योत्सना रिवाल दुआ ने अपने आदेश में कहा कि वीएलटीडी की व्यवस्था पब्लिक सेफ्टी के लिए की गई है। इसे पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए। इसके लिए वहीं कंपनियां पात्र होंगी, जो राज्य में इंपैनल होंगी। लोगों को इंपेनलमेंट करके विकल्प दिया जाए ताकि वे अपने विवेक से फैसला ले सकें कि किससे डिवाइस लेना है।
इंपैनलमेेंट कंटीन्यू प्रोसेस रहेगा। कोर्ट ने परिवहन विभाग से आई उस जानकारी को भी रिकार्ड पर लिया कि 17 कंपनियों को इंपैनल करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और लेटर देना बाकी है। राज्य में इस प्रक्रिया के तहत कमर्शियल व्हीकल जैसे टैक्सी, मैक्सी, बस, स्टेज कैरियर, कांट्रेक्ट कैरियर, स्कूल बस, ट्रक आदि पर ये डिवाइस लगने हैं। पुराने वाहन ही करीब अढ़ाई लाख हैं। नए वाहन भी इन डिवाइस के बाद ही रिजस्टर होंगे।
विभाग ने 5 कंपनियां इंपैनल की, बाकी इंतजार में
इस मसले पर विवाद ये था कि परिवहन विभाग ने शुरू में पांच कंपनियों को इंपैनल कर बाकियों को बीच रास्ते में ही रोक दिया। लेकिन परिवहन विभाग ने जो रिप्लाई कोर्ट में दिया है, उससे साफ है कि ये प्रक्रिया रुकी नहीं है। 17 कंपनियां इसमें और क्लीयर हो गई हैं। इससे कंपीटीशन बढ़ेगा और वाहन मालिकों से लूट नहीं हो सकेगी। अभी वाहन मालिकों की शिकायत है कि 10 हजार का डिवाइस उन्हें 20 हजार का मिल रहा है।