साईं रोड़ से निकलने वाले नाले में जहर घोल रहे हैं बेलगाम उद्योग, रिहायशी इलाकों से निकलने वाले नालों में कैमिकल होने से लोग परेशान
ओम शर्मा। बद्दी : एक तरफ तो प्रदेश इन्वेस्टर मीट के बहाने प्रदेश में उद्योगों को निवेश के लिए बुला रही है। दूसरी और पहले से एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में स्थापित उद्योग अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे। प्रदेश के कदावर पूर्व मुख्यमंत्री एंव पूर्व सासंद ने भी हिमाचल जैसे साफ सुथरे वातावरण में औद्योगिक निवेश के चलते जहर घुलने का मामला उठाया था।
हैरानी तो इस बात की है कि पहले से लगे उद्योग अगर क्षेत्र की आवोहवा, जमीन और पानी में जहर घोलने से बाज नहीं आ रहे तो नये उद्योग यहां क्या तांडव मचाएंगे इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। आज बीबीएन में प्रदूषण की मार के चलते सरसा और बाल्द नदी अपना अस्तित्व खो चुकी है। वहीं क्षेत्र के अन्य छोटे नदी नाले भी उद्योगों के इस कैमिकल कहर का शिकार होने से बच नहीं पा रहे हैं। बद्दी साईं रोड़ जो कि सबसे बड़ा रिहायशी इलाका और बाजार है, यहां के नालों में उठ रही झाग उद्योगों की करतूत और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की नाकामी का सबूत चीख-चीख कर दे रही है।
स्थानीय लोगों कुलदीप सिंह धुन्ना, अमर सिंह, अमृत शर्मा, संजय शर्मा, राज कुमार, संजीव कुमार, गब्बर सिंह धुन्ना, अनिल कुमार, विजय अग्रवाल, रोहित शर्मा, संजय ठाकुर आदि ने बताया कि बद्दी साईं रोड़ पर रोटरी चौक के साथ बहने वाले नाले में पिछले कई दिनों से लगातार कैमिक्ल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है। रात के समय उद्योगों द्वारा कैमिक्ल युक्त पानी नालों में छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते शहर के बीचा बीच बहने वाले इस नाले से दुर्र्गंध आ रही है वहीं झाग के गुब्बार बन रहे हैं।
नाले में कैमिक्ल छोड़े जाने के चलते बेतहाशा दुर्गंध के कारण जहां रात के समय इस रोड़ से पैदल निकलना मुश्किल है वहीं दिन के समय दुकानदारों का दुकानों पर बैठना मुश्किल हो गया है। वहीं स्थानीय लोगों को कैमिक्ल युक्त पानी के खुले में बहने के चलते गंभीर बीमारियों की चपेट में आने का डर भी सता रहा है।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने की नालों की सफाई, दिए थे उद्योगों को नालों से दूर रहने के निर्देश
बद्दी के नालों की जर्जर हालत के चलते प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड शिमला की टीम ने पूर्व मेंबर सेकेटरी आरके प्रुथी के अगुवाई शहर के बीचो बीच गुजरने वाले तीन नालों की सफाई की थी। जिस समय यह सफाई अभियान चलाया गया था तो बोर्ड भी नालों में हालत को देखकर सन्न रह गया था। इतना ही नहीं उस समय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने इन नालों के किनारे बसे उद्योगों को सख्त लहजे में चेतावनी भी जारी की थी कि इनमें किसी तरह का कोई कैमिक्ल न छोड़ा जाए।
इतना ही नहीं पीसीबी ने इन नालों के किनारे पौधे लगाने और इनकी नियमित सफाई का भी खाका तैयार किया था। लेकिन बोर्ड की निर्देशों के बाद भी बेलगाम उद्योग नालों को निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहे।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। अगर रोटरी चौक नाले में कैमिक्ल छोड़ा जा रहा है तो इसकी जांच की जाएगी और सैंपल लिए जाएंगे। कोई भी उद्योग अगर नियमों से खिलवाड़ कर रहा है तो सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
–प्रवीण गुप्ता, पर्यावरण अभियंता, पीसीबी बद्दी।