विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने दी जानकारी
हिमाचल दस्तक। मंडी : डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएन) के तहत जिले में 10.39 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मंडी जिले में ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में डीएवाई-एनआरएलएन बेहद कारगर सिद्ध हो रहा है।
यह जानकारी डीसी ने मंगलवार को ग्रामीण विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के लिए खंड विकास अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक के दौरान दी। उन्होंने कहा कि मिशन के अंतर्गत मौजूदा वित्त वर्ष में 515 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उन्हें 6.59 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी जा चुकी है। इसका इस्तेमाल हस्तशिल्प, कृषि तथा संबंधित कार्य पशुपालन और बागवानी आदि जैसे उपयोगी उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को कहा कि वे पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें वर्तमान में जिले में चल रही सातवीं आर्थिक गणना 2019 में सहयोग करने को लेकर जागरूक करें।
उनसे अपने क्षेत्रों में सरकार द्वारा नियुक्त किए गए प्रगणकों और पर्यवेक्षकों को अपना सहयोग देने का आग्रह करें ताकि जिले में आर्थिक गणना का कार्य निर्धारित समय सीमा और गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूरा हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे कार्य जिनमें लंबे समय से आवंटित धनराशि खर्च नहीं हुई और कार्य भी आरंभ नहीं हुए हैं, उनके लिए दी धनराशि को लौटा दें ताकि उसका उपयोग अन्य विकास कार्यों के लिए किया जा सके।
डीसी ने वीडीओ से नशे के खिलाफ जागरूक करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक विशेष जागरूकता अभियान की गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी। बैठक में एडीसी आशुतोष गर्ग, डीआरडीए के परियोजना अधिकारी नवीन शर्मा, जिला योजना अधिकारी जवाहर लाल, जिला पंचायत अधिकारी हरि सिंह, सभी बीडीओ सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सिंगल यूज प्लास्टिक को एमसी मंडी को भिजवाने का हो स्थायी प्रबंध
ऋग्वेद ठाकुर ने सभी खंड विकास अधिकारियों (वीडीओ) को अपने क्षेत्र में पंचायतों में एकत्रित सिंगल यूज प्लास्टिक को नगर परिषद मंडी को भिजवाने की स्थायी व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी बीडीओ तय करें कि पंचायतों के कलस्टर बना कर सिंगल यूज प्लास्टिक इकट्ठा किया जाए और फि र पूरे ब्लॉक से एकत्रित प्लास्टिक को एक साथ नप मंडी के बिंद्राबणी प्लांट पहुंचाया जाए। नप सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए 75 रुपए प्रति किलो के हिसाब से भुगतान करेगी।