पक्षियों का आगमन अक्तूबर माह से आरंभ होता है और तीन माह तक यहीं रहते हैं
विनय महाजन। नूरपुर : पौंग बांध में सर्दी के बढऩे के साथ-साथ प्रवासी पक्षियों का आगमन भी शुरू हो गया है। पौंग झील में 45 प्रजातियों के अब तक 75 हजार विदेश परिंदे पहुंच चुके हैं, जिनमें अधिकांश परिंदे रूस के साइबेरियन है।
इन परिंदों में ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड व कई देशों के रंग-बिरंगे पक्षी जब एक समूह में उड़ते हैं, तो नजारा काफी आकर्षक होता है। इन पक्षियों में 30 हजार फीट तक की उंचाई पर उडऩे वाले पक्षी आधी रात को हिमालय पार करके हिमाचल के इस क्षेत्र में पहुंचते हैं। देश व विदेश के पर्यटकों के लिए यह स्थान हिमाचल में काफी महत्वपूर्ण स्थान है, जो देश और विदेश के पक्षी रंग-बिरंगे कतार में दिखाई देते हैं तथा इसके अलावा इन प्रवासी पक्षियों को कालर रिंग तथा ट्रांसमीटर भी लगाए जाते हैं।
इन पक्षियों का आगमन अक्तूबर माह से आरंभ होता है व तीन माह तक यहीं रहते हैं। पौंंग झील जिला कांगड़ा के नूरपुर तथा देहरा वन मंडलों के तहत 307 किलोमीटर लंबी है। इस पक्षी विहार झील को देश भर में मेहमान पक्षियों को पसंदीदा स्थल माना जाता है, जो समुद्र तल से 1450 मीटर उंचाई पर स्थित है।
मौसम ठंडा होने के कारण पौंग झील में विदेशी पक्षियों की तादाद अभी तक 75 हजार के लगभग हो गई है। यह विदेशी पक्षी मेहमान के रूप में तीन महीने का समय यहां बिताते हैं व कई प्रजातियों से संबंधित है। विभाग द्वारा पौंग झील के क्षेत्र में शिकारियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हर आने जाने वाले व्यक्ति की पहचान की जाती है तथा 24 घंटे वन रक्षक टेंटो में रह कर इस पर पूरी नजर रखते हैं, ताकि कोई भी विदेशी पक्षी का शिकार न कर सके।
-राहुल, डीएफओ वन्य प्राणी विभाग