धर्मचंद वर्मा। मंडी : लगभग 90 करोड़ की लागत से तैयार हुई मंडी शहर की उहल बहाव परियोजना का विधिवत उद्घाटन तो नहीं हुआ, मगर इसकी सप्लाई से आने लगे पानी के बिलों ने लोगों का रंग उड़ाना शुरू कर दिया है। मंडी के वरिष्ठतम नागरिकों के एक तीन सदस्यीय परिवार को आईपीएच विभाग ने इस बार 37071 रुपये का बिल थमाया है।
शहर के स्कूल बाजार की इंदिरा हांडा के नाम से यह बिल है, जिसने उसके होश उड़ा रखे हैं। उन्होंने बताया कि दो महीने में एक बार इस साल जनवरी में उनका पानी का बिल 1185 रुपये का आया था, अपै्रल में 1304, मई में 3408, अगस्त में 3098 आया, मगर अक्तूबर में यह बिल 33686 रुपए दे दिया गया। उन्होंने इसके बारे में विभाग के अधिकारियों से बात की,तो कहा कि जांच करेंगे और फिर बिल देंगे। मौके पर कर्मचारी भी आए और कह दिया मीटर ठीक चल रहा है, पानी ओवरफ्लो हुआ होगा, यह बिल सही है। रोचक तो यह है कि इस बार का बिल 2051 ही जोड़ा गया है मगर पिछले बिल को ठीक नहीं किया गया।
इंदिरा का कहना है कि उनके परिवार में तीन ही लोग जो 60 व 80 साल से ऊपर के हैं, ज्यादा पानी प्रयोग नहीं करते। मगर फिर भी कोई नहीं सुन रहा और बिल पर बिल थमाए जा रहे हैं। जैसा कि मंडी में पिछले कई सालों से पानी की खपत का जो बिल बनता है उसमें उसका आधा सीवरेज का अलग से जोड़ा जाता है।
इसका हर स्तर पर विरोध हो रहा है, कई संस्थाएं मंत्रियों व मुख्यमंत्री से इसे उठा चुकी हैं मगर फि र भी इसे लेकर कोई राहत लोगों को नहीं दी जा रही है तो इस बिल नंबर 98853 मीटर नंबर 2060684 जो इस बार इंदिरा हांडा को दिया गया है जिसके भुगतान की अंतिम तारीख 23 दिसंबर है में भी तीसरा हिस्सा यानि 12500 के लगभग सीवरेज के चार्जिज है।
गौरतलब है कि पानी के अधिक बिल आने की शिकायत पूरे मंडी शहर के उपभोक्ताओं की है। वहीं आईपीएच के अधिशाषी अभियंता विवेक हाजरी ने कहा कि इस बारे में तहकीकात की जाएगी तथा जो भी उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी की जाएगी।