हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों के 9700 मेधावी छात्रों को मार्च से पहले लैपटॉप मिल जाएंगे। राज्य में पंचायत चुनाव खत्म होते ही आचार संहिता भी खत्म हो गई है। ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से अब लैपटॉप देने की प्रकिया भी शुरू कर दी जाएगी। इसकी खरीद का काम किस कंपनी को मिलता है इस पर जल्द फैसला होगा।
शिक्षा विभाग ने इसके लिए पहले टेंडर निकाला था। कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए विभाग के पास काफी कम आवेदन आए थे। जो कंपनियां आई थी उनके साथ नेगोसिएशन की बैठकें भी नहीं हो पाई थी। इसे देखते हुए टैंडर को रद्द कर दिया गया था। अब नए सिरे से टैंडर निकाला गया है। विभाग का कहना है कि जनवरी महीने में ही सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी जाएगी और मार्च में छात्रों को लैपटॉप दे दिए जाएंगे।
गौर रहे कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 के मेधावियों को यह लैपटॉप मिलना प्रस्तावित हैं। शिक्षा विभाग पहले इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन से लैपटॉप की खरीद करता था। पिछली बार इस प्रक्रिया को लेकर काफी विवाद हुआ था। जिस कारण शिक्षा विभाग ने कॉरपोरेशन के बजाय अपने स्तर पर ही लैपटॉप खरीदने का निर्णय लिया था। विभाग ने निर्णय लिया था कि जैम पोर्टल पर तय रेट के अनुसार ही लैपटॉप खरीदे जाएंगे।
विभाग का तर्क है कि कॉरपोरेशन को जो कमीशन दी जाती है वह भी बचेगी और समय पर लैपटॉप की खरीद भी हो पाएगी। लेकिन विभाग की यह मुहिम लॉकडाउन में सिरे नहीं चढ़ पाई। लैपटॉप खरीदने को लेकर 20 से 23 करोड़ के करीब बजट खर्च होता है।
कॉलेज के 900 मेधावी छात्र शामिल
शिक्षा विभाग में 10वीं, 12वीं कक्षाओं और कॉलेज के 9700 मेधावी विद्यार्थियों के लिए लैपटॉप खरीदे जाने हैं। इसमें दसवीं कक्षा के 4400 और जमा दो के 4400 मेधावी विद्यार्थियों और प्रदेश के कॉलेज के 900 मेधावी छात्रों को लैपटॉप मिलेंगे। गौरतलब है कि राज्य सरकार हर साल मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप देती है। इसके लिए मेरिट में आए छात्र आवेदन करते हैं और उसके बाद उन्हें लैपटॉप मिलते हैं।
लैपटॉप की खरीद के लिए प्रक्रिया चली हुई है। जल्द ही इसके लिए सारी औपचारिक्ताओं को पूरा कर दिया जाएगा। एक बार टैंडर रद्द होने की वजह से इसकी खरीद में देरी हुई है।
-डॉ. अमरजीत शर्मा
निदेशक उच्चतर शिक्षा