इंदौर : भ्रष्टाचार रोकने के लिए मध्यप्रदेश में बनाए गए विशेष कानून के तहत सोमवार को यहां अदालत ने एक सेवानिवृत्त अधिकारी के परिवार की दो करोड़ 31 लाख रुपए मूल्य की बेहिसाब संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया। यह मिल्कियत लोकायुक्त पुलिस के करीब साढ़े आठ साल पहले मारे गए छापों में सामने आई थी।
विशेष न्यायाधीश आलोक मिश्रा ने उद्यानिकी विभाग के सेवानिवृत्त उप संचालक शिवदत्त पाण्डेय (63) के पारिवारिक सदस्यों की दो करोड़ 31 लाख आठ हजार 651 रुपए मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को राजसात करने का आदेश दिया। अदालत ने ैमध्यप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011ै के तहत यह फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने फैसले के हवाले से बताया कि अदालत ने जिन अचल संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है, वे पाण्डेय के पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदी गई थीं।
इनमें नजदीकी देवास शहर के औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक दवा निर्माण इकाई, इसकी मशीनरी, इसमें रखा कच्चा माल और तैयार उत्पाद शामिल हैं। पाण्डेय की पत्नी और उनका पुत्र इस इकाई के मालिक हैं। अदालत के आदेश के मुताबिक पाण्डेय परिवार की जब्त संपत्तियों में इंदौर जिले में दो स्थानों पर भूमि, डेयरी फार्म और तीन लाख 49 हजार रुपए की नकदी शामिल है।
इस परिवार द्वारा बैंकों की सावधि जमा (एफडी) योजनाओं में लगाई गई चार लाख 57 हजार रुपए की पूंजी और बैंकों तथा डाकघर के खातों में कुल 15 लाख 18 हजार रुपए की जमा राशि भी जब्त कर ली गई है। चतुर्वेदी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार की शिकायत पर पाण्डेय के ठिकानों पर 11 जनवरी 2011 को छापे मारे थे। तब वह इंदौर में उद्यानिकी विभाग के उप संचालक के रूप में पदस्थ थे और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।