- अब काम शुरू करने को सरकारी मंजूरियों की नहीं जरूरत
- सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग तीन साल तक ले सकेंगे मंजूरियां
- राज्य सरकार की सिफारिश पर गवर्नर ने जारी किया अध्यादेश
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : धर्मशाला में 7 नवंबर से शुरू हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर मीट से एक रोज पहले राज्य सरकार ने सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग प्रदेश में लाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। राज्यपाल की ओर से मंगलवार को अधिसूचित किए गए अध्यादेश के अनुसार अब सरकार से मंजूरी या एनओसी लिए बिना राज्य में छोटे उद्योग लग सकेंगे। निवेशकों के लिए यह छूट तीन साल रहेगी।
उद्योग जब स्थापित होकर अपना उत्पादन शुरू कर देंगे तब उन्हें एनओसी और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। पिछले शुक्रवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने राजस्थान की तर्ज पर अध्यादेश लाने का फैसला लिया था। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस अध्यादेश को राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा गया था। राजभवन से मंजूरी के बाद अब इसे अधिसूचित कर दिया गया है। ये मंगलवार से ही लागू हो गया है।
हालांकि इसे रेगुलर करने के लिए आगामी शीतकालीन सत्र में इस बारे में विधेयक लाना होगा। सरकार को ये फैसला इसलिए लेना पड़ा क्योंकि हिमाचल की भौगौलिक परिस्थितियां मैदानी इलाकों से पूरी तरह भिन्न हैं। ऐसे में बड़े उद्योगों के बजाय सरकार छोटे उद्योगों को यहां पर स्थापित करना चाहती है। इसलिए उद्योगों के लिए ये लघु एवं मध्यम उद्योगों की संख्या को बढ़ाने और इसमें निवेश के साथ बड़ा रोजगार सुनिश्चित बनाने के नजरिए से सरकार ने अध्यादेश लाया है। इस कदम का मकसद उद्योगपतियों को सरकारी दफ्तरों से चक्कर से बचाना है।
ये लाभ होगा इस फैसले से उद्योगों को
अब अध्यादेश के लागू होने के बाद एमएसएमई सेक्टर को यहां पर उद्योग के लिए जमीन लेने और उस पर ढांचा खड़ा करने के लिए कोई अनुमति नहीं लेनी होगी। इस काम को करने के बाद उद्योगपति औपचारिकता पूरी करने के लिए आवेदन कर सकता है। यह उद्योगपतियों के लिए एक बड़ी छूट होगी जिसमें उसका बहुत ज्यादा समय बचेगा। राजस्थान में इस तरह की व्यवस्था है जहां पर ढांचागत निर्माण व औपचारिकताएं पूरी करने के लिए तीन साल का समय दिया जाता है। अब यहां भी यही व्यवस्था लागू होगी।
हालांकि धारा 118 से नहीं बच पाएंगे
मंजूरियां न लेने की ये छूट केवल 8 कानूनों के लिए है। इनमें पंचायती राज एक्ट, नगर निगम एक्ट, नगरपालिका एक्ट, अग्निशमन एक्ट, सड़क पाश्र्व भूमि नियंत्रण एक्ट, दुकान एवं वाणिज्यिक संस्थान एक्ट, सोसायटी रजिस्ट्रिकरण एक्ट और टीसीपी एक्ट शामिल हैं। टैनेंस एंड लैंड रिफाम्र्स एक्ट अन्य रेवन्यू एक्ट के मामले में मंजूरी लेनी होगी। यानी ये उद्योग धारा 118 जैसे बड़े प्रावधानों से बाहर नहीं हुए हैं। यदि उद्यमी को निजी भूमि खरीद का लघु उद्योग लगाना है तो धारा 118 की मंजूरी पहले लेनी होगी।
२०० इंटरनेशनल डेलीगेट्स कन्फर्म: सीएम
यूएई से 60, जर्मनी से आएंगे 40 डेलीगेट्स, मुख्यमंत्री ने की प्रेसवार्ता
राजेश कुमार। धर्मशाला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को धर्मशाला में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दुबई, जर्मनी और नीदरलैंड जाकर इन्वेस्टर्स के सामने हमने अपनी बात रखी। हमारे ओपन 583 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश में 82 हजार 344 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए पार्टनर कंट्री यूएई है। इन्वेस्टर मीट के लिए 1710 बिजनेस डेलीगेट्स धर्मशाला आएंगे, जो कि अभी तक कन्फर्म हैं।
200 के लगभग इंटरनेशनल डेलीगेट्स का आना कन्फर्म हुआ है, जिनमें नीदरलैंड के 23, यूएई के 6, इंडीविजुअली 60, पीआईओसीसीआई के 48, रशिया के 11, वियतनाम के 28, यूएसआईबीसी 6, जर्मनी 2 और मलेशिया के 14 डेलीगेट्स शामिल हैं।
11 देशों के राजदूत करेंगे शिरकत
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन्वेस्टर मीट में एक दर्जन देशों के राजदूत भी ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में आएंगे, जिनमें ओमान, वियतनाम, कंबोडिया, लताविया, किर्गिज, जॉर्जिया, बोसनिया, हरजेगोविना, ट्यूनिशिया, कतर, कुवैत और उज्बेकिस्तान के राजदूत धर्मशाला आएंगे। दो दिवसीय इन्वेस्टर मीट में 8 सेशन होंगे।
टूरिज्म में 192, इंडस्ट्री सेक्टर में 207 एमओयू
जयराम ठाकुर ने कहा कि टूरिज्म सेक्टर में 192 एमओयू हुए तथा 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश यहां संभावित है। पॉवर सेक्टर में 15 एमओयू हुए हैं, उसमें 27,812 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। हाउसिंग सेक्टर में 32 एमओयू हुए हैं, जिसमें 12,277 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। इंडस्ट्री सेक्टर में 207 एमओयू से 13,682 करोड़ रुपये का निवेश संभावित हैं। इन एमओयू के माध्यम से प्रदेश में 1 लाख 75 हजार के लगभग युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी वर्तमान में बहुत बड़ी समस्या है। इस पहल के माध्यम से हम हजारों नौजवानों को रोजगार देने की स्थिति में आ जाएंगे।