हिमाचल दस्तक ब्यूरो। धर्मशाला
ग्रामीण क्षेत्रों में अब पशुपालकों को पशु चिकित्सक न होने की वजह से परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी, क्योंकि रूरल सेल्फ इंप्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स (आरसेटी) के माध्यम से पशु मित्र तैयार किए जाएंगे।
इसके लिए 2 माह के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पशु मित्र तैयार करने का कार्य वर्तमान में देश के 4 राज्यों में शुरू हो चुका है, जबकि हिमाचल में इसे आरंभ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आरसेटी के माध्यम से मत्स्य पालन का प्रशिक्षण भी करवाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार पीएनबी आरसेटी ने हालांकि पिछले वर्ष पशु मित्र तैयार करने के प्रशिक्षण को पायलट आधार पर शुरू किया था और अब इसे आगे बढ़ाने की योजना पीएनबी आरसेटी ने बनाई है।
2 माह के प्रशिक्षण के दौरान पशुओं को उपचार उपलब्ध करवाने में पशु मित्रों का हाथ बन जाएगा तथा ये लोग गांव-गांव जाकर बीमार पशुओं को उपचार दे सकेंगे।
इसके अलावा उन्नति कार्यक्रम के तहत मनरेगा वर्कर्स के कौशल को भी बढ़ाने के लिए आरसेटी कार्य कर रहा है। मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 60 दिन का कार्य कर चुके कामगारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका लाभ भी ग्रामीण उठा रहे हैं।
नेशनल डायरेक्टर, आरसेटी बिपुल चंद्र शाह ने कहा कि पशु चिकित्सक कई बार हर समय उपलब्ध नहीं होते, ऐसे में पशुपालकों को परेशानी न हो, इसके लिए आरसेटी के माध्यम से पशु मित्र का 2 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण प्राप्त युवा गांव-गांव जाकर बीमार पशुओं को उपचार दे सकेंगे। इसके अलावा मत्स्य पालन का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं उन्नति कार्यक्रम के तहत मनरेगा में 60 दिन का कार्य कर चुके श्रमिकों के कौशल को बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है।