हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के घेराव के बाद निलंबित कांगे्रस के पांच विधायकों का मामला फिर सदन में उठा। बुधवार को प्रश्नकाल से पहले किन्नौर से कांग्रेस विधायक जगत ङ्क्षसह नेगी ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहतये मामला उठाया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मंगलवार को सुखविंद्र सुक्खू की ओर से उठाए गए मामले में कुछ बिंदुओं पर व्यवस्था मांगी।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि 12.46 पर एसएमएस और 12.50 पर सदन रिकॉल करने के बाद आप क्या सोचते हैं कि हम कोई हनुमान, शक्तिमान या स्पाइडरमैन हैं, जो 4 मिनट में उड़कर सदन में पहुंच जाते? उन्होंने कहा कि विपक्ष को बिना एकतरफा कार्रवाई करते हुए आपने निलंबन कर दिया। हमें सुन तो लिया होता।
ये प्रिंसिपल ऑफ नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है। तीसरा यदि निलंबन की सजा दे ही दी थी तो फिर मार्शल से एफआईआर के लिए शिकायत क्यों लिखवाई गई? जिसे थाने में दर्ज किया गया। और इस एफआईआर में देशद्रोह की धारा क्यों लगाई गई? क्या हम पाकिस्तानी या चीनी हैं? इसके बाद जवाब में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि आपकी बात मैंने सुन ली। अब इस पर मैं नियमों के तहत व्यवस्था दूंगा, लेकिन अभी प्रश्नकाल चलने दीजिए। लेकिन कांग्रेस के विधायक अपनी सीटों से खड़े हो गए और डिमांड करने लगे कि पहले व्यवस्था दीजिए फिर प्रश्नकाल होगा।
आखिर में नारेबाजी के बाद कांग्रेस विधायक दल सदन से बहिष्कार कर गया और प्रश्नकाल चलता रहा। इस बहिष्कार में माकपा विधायक राकेश सिंघा बाहर नहीं गए और प्रश्नकाल के सवाल उन्होंने पूछे। हालांकि बाद में बहिष्कार पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में अपना वक्तव्य रखा।