हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि बजट सत्र में विपक्ष का ये रवैया चिंताजनक है। पहले दिन की घटना इनके गले में हड्डी की तरह फंस गई है। अब बचकर निकलने का रास्ता खोज रहे हैं। इसी कारण इस सारे मामले को सदन की व्यवस्था का सवाल बनाकर पेश किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपमान राज्यपाल का हुआ है। वहीं माफी मांगनी चाहिए। बहुत लेट हो गए। और समय गंवाकर अपना ही नुकसान करेंगे। हमारा दिल बहुत बड़ा है। लेकिन बात तो वहीं से शुरू होगी, जहां से बिगड़ी है। रिकॉल सदन में इन्हें नियमानुसार ही बुलाया था।
यहीं थे सभी विधानसभा परिसर में। अगली योजना बना रहे थे। विपक्ष के लांज तक भी सदन की कार्यवाही जाती है। अपनी बात रखनी थी तो दोबारा सदन में आ जाते। करीब एक घंटा चर्चा चली थी। लेकिन तब तो इनको लग रहा था कि आज तो अखबारों की खबर बना दी। अब नियमों की बात कर रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि देशद्रोह की धाराएं किसी पर नहीं लगाई हैं। आईपीसी की जो धारा 124 लगी है, वह राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल के काम में बाधा डालने पर खुद अटरैक्ट होती है।
सीएम ने कहा कि गेट के बाहर नेता प्रतिपक्ष जिस भाषा में बात कर रहे हैं, वो भी सब देख रहे हैं। ये रिवाज उनके यहां होता होगा। हिमाचल में इस तरह के व्यवहार के लिए जगह नहीं है। सीएम तो कोई भी हो सकता है। लेकिन भाषा की मर्यादा सबको रखनी चाहिए।
कांग्रेस के पास नेतृत्व का संकट है। कोई समझदार नेता इनके पास नहीं है, जो इनका मार्गदर्शन कर सके। हम तो चाहते हैं कि राज्यपाल अभिभाषण और बजट पर विपक्ष भी चर्चा करे। इसका अपना मजा है। लेकिन ये ही नहीं चाहते तो जबरदस्ती नहीं ला सकते।