नई दिल्ली : साफ मौसम और हवाओं की गति बढऩे से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कमी आई जिससे बुधवार को दिल्लीवालों ने राहत की सांस ली। हालांकि, मौसम विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि रात में बादल छाने और हल्की बूंदाबांदी से वायु गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है। सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी एवं पूर्वानुमान सेवा सफर ने बताया कि मंगलवार को पंजाब में पराली जलाने की 6,668 घटनाएं दर्ज की गईं जो इस मौसम में सबसे अधिक हैं। हालांकि, हवाओं की दिशा की वजह से इसका दिल्ली पर प्रभाव नगण्य होगा।
आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को दोपहर डेढ़ बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 216 रहा जो खराब श्रेणी में आता है। हालांकि कई इलाकों में प्रदूषण स्तर औसत श्रेणी में रहा। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पीएम-2.5 का स्तर गिरकर 107 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रह गया। पीएम 2.5 हवा में मौजूद सूक्ष्म कण हैं जिनका व्यास 2.5 माइक्रोन होता है और ए सांस के जरिए फेफड़ों और रक्त धमनियों में पहुंचकर स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पीएम10 की सघनता बुधवार दोपहर डेढ़ बजे 226 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही जबकि सुरक्षित स्तर 60 से 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साफ आसमान और हवाओं की गति की वजह से दिन में प्रदूषण के स्तर में और गिरावट आएगी। उन्होंने कहा, हालांकि, रात को बादल छाने, बहुत हल्की बूंदाबांदी होने और हवाओं की गति मंद होने की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा और वायु गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को तेज हवाओं और बारिश की वजह से फिर स्थिति सुधरेगी और 10 नवंबर से दिल्ली वाले अपेक्षाकृत साफ हवा में सांस ले सकेंगे। सफर ने कहा, दिल्ली के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक में उम्मीद से कहीं अधिक तेजी से सुधार हुआ है और दिन में धूप निकलने से इसमें और सुधार होने की उम्मीद हैं।
एजेंसी ने कहा, हवा की दिशा की वजह से मंगलवार को सबसे अधिक पराली जलाने की घटना के बावजूद दिल्ली-एनसीआर के वातावरण में धुंए की मात्रा कम रही। सफर ने कहा कि दिल्ली की हवा में मौजूद पीएम 2.5 में पराली से होने वाले धुंए की हिस्सेदारी बुधवार को मात्र तीन फीसदी रही और गुरुवार को इसके दो फीसदी रहने का अनुमान है। सफर ने कहा, पश्चिमी विक्षोभ से क्षेत्र में साफ हवा आई है। अगले दो दिनों में कुछ जगहों पर गरज के साथ बारिश हो सकती है और सात नवंबर से हवा की दिशा भी दक्षिण पूर्व होने की उम्मीद है जिससे धुंआ दिल्ली-एनसीआर तक नहीं पहुंचेगा।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय की ओर से अधिकृत पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में हॉट मिक्स प्लांट, पत्थर तोडऩे वाली मशीनों और पेट्रोल-डीजल आधारित उद्योगों पर लगी रोक की मियाद आठ नवंबर तब बढ़ा दी है। उच्चतम न्यायालय ने अगले आदेश तक दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को हल्की बारिश और उच्च आद्रता की वजह से रविवार को दिल्ली में प्रदूषण तीन साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0-50 के बीच अच्छा , 51-100 के बीच संतोषजनक , 101-200 के बीच मध्यम , 201-300 के बीच खराब , 301-400 के बीच अत्यंत खराब , 401-500 के बीच गंभीर और 500 के पार बेहद गंभीर माना जाता है।