सुशील शर्मा /राजीव भनोट। चिंतपूर्णी
रविवार को चिंतपूर्णी मंदिर (Chintpurni Temple) में नियमों की धज्जियां उड़ गईं और प्रशासन मुंह देखता रहा। रविवार को मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लाइन व्यवस्था भी चरमराई रही। भीड़ का हुजूम देखकर ऐसा लगा कि ये लोग कोरोना को सरेआम बुलावा दे रहे हैं। व्यवस्था बनाने में प्रशासन के भी हाथ खड़े दिखे, जितने श्रद्धालु आए, उस हिसाब से व्यवस्था कम नजर आई।
मंगलवार, शनिवार व रविवार के लिए मंदिर प्रशासन को ठोस रणनीति बनानी होगी, वरना हालात बेकाबू ही रहेंगे। सरकार को सभी बड़े धार्मिक स्थलों के लिए इन दिनों पंजीकरण अनिवार्य करते हुए कुछ माह के लिए संख्या भी निर्धारित करनी चाहिए, तभी व्यवस्था बन सकती है।
चिंतपूर्णी में आज के हालात देखकर लगता है कि कोरोना की तीसरी लहर को सरेआम निमंत्रण मिल रहा है। भीड़ वाले क्षेत्र में पंजाब नंबर की गाड़ियां घुस गईं। मंदिर के मुख्य द्वार पर तिल धरने की जगह नहीं रही। दुकानदारों में खुशी जरूर थी, तो वहीँ भीड़ को देखते हुए मन में ख़ौफ़ भी पैदा हो रहा था कि फिर से कोरोना की चपेट में न आ जाएं।