शिमला:
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि देश से जातिप्रथा खत्म करने में सरकार और हमारे से ज्यादा अच्छा काम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस कर रहा है। और ये अब से नहीं है। जब से संघ संस्थापक गोवलकर जी ने रास्ता दिखाया है, तब से ये क्रम चल रहा है।
संघ के भोज में जाति का कोई महत्व नहीं है। वह एससी/एसटी आरक्षण विधेयक पर सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। जयराम ठाकुर ने कहा कि जब बिल का सबने समर्थन ही करना है तो फिर अन्य विषय नहीं उठाए जाने चाहिए थे। खासकर केवल राजनीति करने या प्वाइंट स्कोर करने के लिए। यदि कांग्रेस को ये लगता है कि ये आरक्षण उन्हीं ने दिया है। ये देश उन्हीं ने आजाद करवाया है, तो ये भी याद रखें कि पाकिस्तान भी उन्हीं ने बनाया है।
सीएम ने साफ किया कि परंपरा का पालन करने के लिए केवल आरक्षण पर ही राज्यपाल का संक्षिप्त अभिभाषण करवाया गया, पूरा अभिभाषण बजट सत्र में आएगा। उन्होंने कहा कि दलितों के प्रति सोच बदलने की जरूरत है। देश में ऐसा एट्रोसिटी कानून मौजूद है, जिसमें जमानत तक का प्रावधान नहीं है, लेकिन फिर भी ये सब हो रहा है। हमने बहुत सफर तय किया है, लेकिन अब और भी काम बाकी है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने एससी सब प्लान और एसटी सब प्लान का बजट बढ़ाया है। इन वर्गों के उत्थान के लिए विभागों में योजनाएं शुरू की गई हैं।
प्रदेश विधानसभा में आरक्षण
कुल विधायक 68
आरक्षित सीटें 20
अनुसूचित जाति 17
अनुसूचित जनजाति 03
राजनीतिक श्रेय न ढूंढे कांग्रेस
सीएम ने कहा कि ये बिल न तो पीएम नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक श्रेय लेने के लिए पारित किया है, न ही हम कर रहे हैं। जनता सब जानती है, इसलिए विपक्ष को बेवजह के मसले इसके साथ नहीं जोडऩे चाहिए। यदि उन्हें इतनी ही चिंता थी तो संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न के लायक क्यों नहीं माना गया? ये सम्मान भी वाजपेयी सरकार ने दिया था।