ट्रांसपोर्टर्स और एचआरटीसी के विवाद सुलझाने को लेकर होगी बैठक, परिवहन मंत्री ने सचिवालय में प्राइवेट बस ऑपरेटरों से की चर्चा
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य में प्राइवेट बस ऑपरेटरों के ट्रांसफर ऑफ रूट परमिट के मसले पर जल्द फैसला होगा। सरकार ने इस बारे में लॉ से एडवाइज आते ही आठ से दस दिन में फैसला करने का आश्वासन दिया है। ये आश्वासन परिवहन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर के साथ सचिवालय में प्राइवेट बस ऑपरेटरों के साथ हुई बैठक में दिया गया।
बैठक में ऑपरेटरों की तरफ से यूनियनों के प्रधान राजेश पराशर और रमेश कमल और परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया, अतिरिक्त निदेशक सुनील शर्मा और एचआरटीसी के ईडी अनुपम कश्यप भी थे। बस ऑपरेटरों की पुराने परमिट रिव्यू करने की मांग पर तय हुआ कि आगामी 15 से 20 दिन में ये देखते हुए इन फैसला होगा कि वर्तमान में चल रहे रूट इनसे प्रभावित न हों।
प्राइवेट ऑपरेटरों ने जेएनएनयूआरएम के तहत चल रही बसों का विरोध करते हुए कहा कि इन्हें कलस्टर से बाहर न चलाया जाए। ये एसआरटी भी नहीं देते और कंपीटीशन प्राइवेट ऑपरेटर से करते हैं। इस पर निदेशक परिवहन ने एचआरटीसी एमडी के साथ बैठक करने का सुझाव दिया, जिसमें एचआरटीसी कर्मचारी यूनियन और प्राइवेट ऑपरेटर्स को भी बुलाया जाएगा।
12 साल पुरानी बस को मिल सकती है अनुमति
बस ऑपरेटरों की मांग पर नई बस डालने के लिए 7 साल पुरानी बस की शर्त को बदलकर इसे 12 से 15 साल करने को कहा गया। इस पर विभाग ने इस अवधि को 12 साल करने पर सहमति दी, लेकिन इससे पहले बस की स्थिति को देखा जाएगा। विभाग ने बस ऑपरेटरों से सड़क सुरक्षा में भागीदार बनते हुए अपने ड्राइवर कंडक्टरों को नियमित ट्रेनिंग देने का सहयोग मांगा। इसके लिए पूल ऑफ ड्राइवर बनाने पर भी विचार हुआ, जिसके लिए विभाग एनआरएलएल, एनयूएलएम और होंडा के साथ ऊना में खुल रहे सेंटर मेें ट्रेनिंग देने को राजी हुआ।