मुख्यमंत्री बोले, जन आंदोलन बनाया जाए इस अभियान को, डॉक्टर, पुलिस, शिक्षक और होटेलियर मिलकर सहयोग करें
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि नशे की बुराई से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता लाने के लिए एक जन आनंदोलन शुरू होना चाहिए। मुख्यमंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा रिज मैदान पर नशे के विरुद्ध आरंभ किए गए विशेष अभियान के अवसर पर लोगों को संबोधित कर रहे थे।
नशा निवारण और शराबबंदी का यह विशेष अभियान प्रदेश के सभी जिलों में आरंभ किया गया। ये अभियान 15 दिसंबर तक एक महीने तक चलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज से इस बुराई को मिटाने के लिए प्रदेश सरकार ने बहुआयामी रणनीति तैयार की है। यह अभियान औपचारिकता मात्र ही नहीं है, बल्कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। सभी विभागों के बेहतर समन्वय के द्वारा इन प्रयासों को फलीभूत किया जा सकता है। लोगों को जागरूक करने में चिकित्सक अपनी अहम भूमिका सकते हैं। अध्यापक विद्यार्थियों को जागरूक कर नशे से दूर रहने को प्रेरित करें।
पुलिस को नशे के माफिया से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। प्रदेश के पर्यटन निगमों के होटलों को भी प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा, महापौर नगर निगम शिमला कुसुम सदरेट, उप महापौर राकेश शर्मा, मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी, अध्यक्ष हिमफैड गणेश दत्त, सक्षम गुडिय़ा बोर्ड के अध्यक्ष रूपा शर्मा, महासचिव बाल कल्याण परिषद पायल वैद्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार, सचिव डॉ. आरएन बत्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
न्यू शिमला में खोला नशा मुक्ति केंद्र
मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि यह उनके द्वारा किए गए प्रयासों से नशे के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए सात उत्तरी राज्य एक साथ मिले। प्रदेश सरकार ने राज्य में पांच नशा मुक्ति केंद्र खोलने का निर्णय लिया है, जिनमें पहला न्यू शिमला के निजी अस्पताल में स्थापित किया गया। मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन नशा मुक्ति केंद्र और राज्य मनोरोग चिकित्सा प्राधिकरण की वेबसाइट का शुभारंभ किया। उन्होंने नशे के दुष्प्रभावों पर पोस्टर तथा प्रचार सामग्री भी जारी की।
नशे के दुष्प्रभावों को स्कूलों में पढ़ाएंगे
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में नशे के बढ़ते मामले निसंदेह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी राज्य पंजाब जो कभी गुरुओं की भूमि और देश का फूड वाउल के नाम से जाना जाता था, आज नशे के चंगुल में फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य शिक्षा विभाग ने नशे के दुष्प्रभावों को पाठयक्रम में शामिल किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नशा निवारण रैली को भी रवाना किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के योग विभाग के छात्रों ने इस अवसर पर भव्य प्रस्तुति दी।
चार और नशा मुक्त केंद्र खोलेंगे: सहजल
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सहजल ने कहा कि प्रदेश में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे, युवा नशे से चंगुल से बाहर आ सके। उन्होंने विभाग द्वारा नशा निवारण पर चलाई जा रही गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता निशा सिंह ने कहा कि लोगों को नशे की बुराई से अवगत करने के लिए एक माह तक चलने वाला यह विशेष अभियान प्रदेश में आरंभ हो गया है। इसमें प्रदेश में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।