हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
मुख्य सचिव अनिल खाची की अध्यक्षता में बनाई गई शिक्षा से संबंधित हाई पावर कमेटी सबसे पहले एलिमेंटरी एजुकेशन के शिक्षक और गैर शिक्षक वर्गों के मामले देखेगी। ये वे मामले होंगे जो पिछले लंबे समय से विवादित पड़े हुए हैं।
शिक्षा विभाग की तरफ से कुल 7 मामले एक एजेंडा बनाकर हाई पावर कमेटी में शामिल अधिकारियों को भेज दिए गए हैं। सभी विभागों में इन पर चर्चा के बाद अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होनी है। इस एजेंडे में एलटी और शास्त्री के लिए पीजीटी पदनाम और पीटीए से संबंधित शेष बचे झगड़े भी शामिल हैं।
इन पर अब मुख्य सचिव ही फैसला लेंगे। कुछ मामले कोर्ट ऑर्डर के बाद पैदा हुई परिस्थितियों के भी भेजे गए हैं। क्योंकि सरकार में अभी विधि सचिव नहीं हैं, तो हो सकता है इसमें थोड़ा वक्त लगे।
दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने एसएमसी टीचर्स को लेकर फैसला लेने पर फाइल विधि विभाग को भेज दी है। इसे विधि विभाग को इसलिए भेजा गया है ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा करके रिपोर्ट सरकार को दी जा सके।
यह भी संभव है कि सरकार एसएमसी टीचर्स को रेगुलर पॉलिसी में लाने का विचार रखती हो। हालांकि फाइल में कहीं भी ऐसे निर्देश या आदेश नहीं आए हैं। एसएमसी टीचर्स को पिछले साल सरकार सर्विस से ही निकाल रही थी, क्योंकि ऐसा करने के लिए हाईकोर्ट ने कहा था। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद इनकी सेवाओं को आगे कंटिन्यू कर दिया गया था।
वर्तमान में एसएमसी टीचर्स को 1 साल की एक्सटेंशन के आधार पर कंटिन्यू करते हैं लेकिन यदि इनके लिए कोई पॉलिसी बनानी है तो पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा करनी होगी, क्योंकि उस आर्डर में इन्हें रेगुलर करने को लेकर कोर्ट में कुछ नहीं कहा है।