जेओए पर दवाब में वित्त विभाग
अप्रैल की घोषणा अब तक सिरे नहीं चढ़ी, अब हुआ मंथन
सीएम से नाराजगी जता चुके हैं कर्मचारी
कुल्लू में उठा मुद्दा, सीएम ने दिए निर्देश
विशेष संवाददाता। शिमला
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) यानि जेओए के मामले को लेकर वित्त विभाग दवाब में है। अप्रैल महीने में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इन कर्मचारियों को राहत देने का एलान किया था लेकिन अब तक इसपर आदेश जारी नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री की इस घोषणा को वित्त विभाग ने सिरे नहीं चढ़ाया है जिससे इन कर्मचारियों में खासा रोष है। इनका पूरा दवाब अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ पर है जो लगातार सीएम से चर्चा कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार हाल ही में कुल्लू में मुख्यमंत्री के लिए आयोजित कर्मचारी मिलन समारोह में यह मुद्दा उठा और उसमें माहौल काफी तनाव वाला बन गया। कर्मचारियों का कहना है कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी के लिए लगाया गया दो साल का राइडर हटाया जाए। सीएम ने इसे हटाने की घोषणा कर दी थी मगर वित्त विभाग इसपर कुंडली मारे बैठा है।
जानकारी के अनुसार शनिवार को सचिवालय में इस मामले को लेकर चर्चा हुई है जिसमें एसीएस वित्त ने अधिकारियों को बुलाया और उनसे बातचीत की गई है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जेओए पर लगा दो साल का राइडर हटा दिया जाएगा। यानि ये कर्मचारी जो लगभग 15 से 16 हजार के करीब हैं को रेगूलर होने के दो साल के बाद 3200 रूपए की ग्रेड पे दी जाए जोकि इनको नहीं मिल पा रही है।
ये लोग क्लर्क के समान नियमितीकरण के साथ ही ग्रेड पे की डिमांड कर रहे हैं जिनपर अभी दो साल का राइडर है। इस राइडर को वित्त विभाग के आदेशों से हटाया जा सकता है जोकि अभी तक जारी नहीं हो सके हैं। ऐसे में अब उम्मीद बढ़ी है जब सीएम ने खुद इस सिलसिले में वित्त विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
वित्त विभाग ने शनिवार को इसपर चर्चा की है और अब जल्दी ही राइडर हटाए जाने के आदेश जारी हो सकते हैं। इसमें कुछ पेचिदगियां थीं जिसे दूर करने के लिए यहां मंथन हुआ है और जल्द से जल्द आदेश जारी करने को कहा गया है।
चुनावी साल और अब आचार संहिता लागू होने में कुछ समय ही रह गया है। ऐसे में पुरानी घोषणाओं पर यदि समय रहते आदेश जारी नहीं होते हैं तो कर्मचारी फंस जाएंगे। यदि ऐसा होता है तो यह राजनीतिक रूप से सरकार के हक में भी नहीं होगा जो इस वक्त चाहती है कि कर्मचारियों का हरेक वर्ग उससे खुश हो जाए।
हालांकि कई वर्ग हैं जो सरकार से खुश नहीं चल रहे हैं मगर सभी को सब कुछ नहीं मिल सकता। इसलिए उन वर्गों को भी धैर्य रखने की जरूरत है जिनसे पहले ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर निवेदन कर चुके हैं। अब जेओए का लटका मामला कब सुलझता यह देखना होगा।