टेकचंद वर्मा, वरिष्ठ संवाददाता, शिमला
हिमाचल प्रदेश में मानूसन ने कहरे जख्म दिये है। राज्य में मौजूदा मानसून सीजन के दौरान अभी तक 1732 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जो बीते पांच साल के मानसून सीजन में सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया है। प्रदेश में मौजूदा मानसून सीजन के दौरान नुकसान का आंकडा बढ़ कर 1981 करोड़ रूपये तक पहुंच गया है। जो साल 2018 से भी अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है।
साल 2018 में मानसून सीजन के दौरान भारी बारिश के चलते 1578.08 करोड़ का नुकसान हुआ था। 2019 में 1202.69, 2020 में 872.32 और 2021 में बारिश से 1151.72 करोड़ का नुकसान हुआ था। लेकिन मौजूदा मानसून ने प्रदेश को गहरे जख्म दिये है।
राज्य में मानसून सीजन अभी भी जारी है। राज्य में बीते दिनों के दौरान जहां जमकर कोहराम मचाया है।
वहीं मौसम विज्ञान केन्द्र द्वारा राज्य में अगामी दो दिनों के दौरान भी भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है। उक्त अवधि के दौरान भी राज्य के कई जिलों में फ्लैश फ्लड के खतरे का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। जो नुकसान के आंकडों को ओर बढ़ा सकता है।
राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के तहत मौजूदा मानसून सीजन के दौरान अभी तक शिमला, कुल्लू, बिलासपुर व मंडी में ही सामान्य से अधिक बारिश हुई है।
इसके अलावा राज्य के अन्य जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। मगर इसके बावजूद भी मानसून से बीते सालों के मुकाबले अधिक नुकसान हुआ है। मानसून में अभी तक राज्य में 270 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं विभिन्न हादसों में 495 लोग घायल हुए है। पेश आई आपदाओं में 9 लोग अभी भी लापता चल रहे है। प्राकृतिक आपदाओं में 902 घर भी क्षति ग्रस्त हुए है।
हिमाचल में अभी तक बारिश से 1732 करोड़ का नुकसान हो चुका है। लोक निर्माण विभाग और आईपीएच को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पिछले पांच वर्षों के दौरान बरसात में यह सबसे ज्यादा नुकसान है।
राज्य में 65 बार आया फ्लैश फ्लड
प्रदेश में मौजूदा मानसून सीजन के दौरान 65 बार फ्लैश फ्लड की घटनाएं पेश आ चुकी है। जिसमें 5 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा लैंड स्लाइड की 75 घटनाएं पेश आई है। जिसमें 19 लोगों की जाने गई है। राज्य में 47 सड़क हादसों में 129, 12 बादल फटने की घटनाओं में तीन और डूबने की 12 घटनाओं में 30 लोग अंकाल मौत का ग्रास बने है।