शिमला : राजधानी शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी की पहले सॉइल टेस्टिंग करवानी होगी, उसके बाद ही इस बार मंडी में कारोबार शुरू किया जा सकेगा। शिमला जिला प्रशासन ने एचपीएमसी को मंडी में पड़े मलबे को हटाने की अनुमति तो दे दी है , लेकिन उससे पहले मंडी की सॉइल टेस्टिंग करवाना अनिवार्य होगा।
उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने इस बात के निर्देश जारी किए हैं। ऐसे में अब एचपीएमसी को मार्केटिंग बोर्ड विशेषज्ञों से इस मिट्टी की जांच करवानी होगी और यदि यहां पर भूस्खलन होने की सम्भवना होगी तो इस बार यह मंडी कारोबार के लिए नहीं खोली जाएगी। ऐसे में इस बार बागवानों की मुश्किलें बढ़ सकती है। शिमला जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि एपीएमसी द्वारा मंडी से मलबा हटाने की अनुमति मांगी गई थी, उन्हें मलबा हटाने की अनुमति तो दे दी गई है , लेकिन उन्हें पहले सॉइल टेस्टिंग करवाने को कहा गया और ताकि वहां पर दोबारा भूस्खलन होने का खतरा न बने। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी कोई संभावना होती है तो वहां पर कारोबार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।