हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला/हमीरपुर
कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद एक आशा वर्कर की मौत हो गई है। प्रदेश में यह पहला मामला है, जब वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद किसी व्यक्ति की मौत हुई है। हालांकि मौत की वजह अभी तय नहीं है और इसके लिए सोमवार की सुबह पोस्टमार्टम किया जाएगा। हमीरपुर जिला के गांव सौड़, तहसील सुजानपुर की रहने वाली इस 56 वर्षीय महिला को 29 जनवरी को हमीरपुर में ही वैक्सीन की पहली डोज लगी थी।
इसके बाद 6 फरवरी को वह बीमार हो गई थी। उसे टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था और वहां किडनी से संबंधित गंभीर बीमारी डॉक्टरों ने पकड़ी। महिला को वहीं वेंटिलेटर सपोर्ट भी देनी पड़ी थी। कई दिन वहां रहने के बाद काफ ी खराब हालत में दो दिन पहले इस महिला को टांडा से शिमला आईजीएमसी रेफर किया गया।
गत शनिवार को यह महिला आईजीएमसी पहुंची और आज रविवार की सुबह उनका देहांत हो गया। अब आईजीएमसी के लिए यह पता करना जरूरी है कि मौत का असली कारण क्या है? हालांकि जब हमीरपुर से टांडा इस महिला को रेफ र किया गया था, तब वैक्सीनेशन की जिला की कमेटी के पास इसके बीमार होने या इतनी गंभीर स्थिति में पहुंचने की जानकारी नहीं थी। हिमाचल दस्तक में खबर छपने के बाद स्वास्थ्य विभाग को हमीरपुर में इसकी सूचना मिली थी।
उसके बाद सीएमओ हमीरपुर भी टांडा मेडिकल कॉलेज के लगातार संपर्क में थी, लेकिन वहां से काफी खराब स्थिति में इस महिला को आईजीएमसी रेफ र करना पड़ा था। चूंकि कोरोना वैक्सीन 26 जनवरी को लगने के बाद 6 फ रवरी को महिला बीमार हुई थी, इसलिए यह भी कहना अभी संभव नहीं है कि वैक्सीन की वजह से कोई कंपलिकेशन महिला को आई होगी।
वैक्सीन लगने के कई दिन बाद महिला की तबीयत बिगड़ी थी और टांडा से जो हिस्ट्री साथ भेजी गई है, उसमें किडनी फेलियर अहम कारण है। आईजीएमसी सोमवार सुबह भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार पोस्टमार्टम करेगा। इसके लिए सुजानपुर से पुलिस को भी बुलाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही तय होगा कि महिला की मौत की असली वजह क्या थी?
-डॉ. जनक, एमएस आईजीएमसी, शिमला
कोई खोज-खबर नहीं ली गई
13 फरवरी के अंक में हिमाचल दस्तक ने यह मामला प्रमुखता से उठाया था। वैक्सीन लगने के बाद प्रोटोकॉल के मुताबिक विभाग पर कोई खैर खबर नहीं लेने के आरोप हैं। प्रोटोकॉल के मुताबिक जिसको वैक्सीन लगी होती है उसका कॉन्टेक्ट नंबर विभाग उस पर नजर रखने के लिए लेता है। प्रोमिला के परिजनों के मुताबिक इस मामले में घोर कोताही बरती गई है। बेसिक लेवल पर हुई इस चूक का फॉलोअप सिर्फ कागजी तौर पर होता रहा जबकि महिला की खैर खबर किसी ने नहीं ली। जब महिला की हालत ज्यादा खराब हो गई तो सीएचसी सुजानपुर ने उन्हें 5 फरवरी को आरके मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
हेल्थ मिशन ने भी एईएफ आई कमेटी की मीटिंग बुलाई
आंगनबाड़ी वर्कर महिला की मौत की सूचना मिलने के बाद राज्य हेल्थ मिशन के डायरेक्टर डॉक्टर निपुण जिंदल ने बताया कि भारत सरकार ने वैक्सीन के बाद होने वाली किसी भी मौत की पूरी स्टडी के आदेश दिए हैं। इसलिए एडवर्स इवेंट्स फ ॉलोइंग इम्यूनाइजेशन की राज्य स्तरीय कमेटी की बैठक सोमवार को होगी, जिसमें इस मौत पर भी चर्चा होनी है। ये हिमाचल में पहला मामला है इसलिए कारण पता करना जरूरी है।
अनिवार्य है पोस्टमार्टम
केंद्र सरकार के नियमानुसार कोविड वैक्सीन लगाए जाने के बाद अगर किसी की मौत होती है तो डेडबॉडी का पोस्टमार्टम अनिवार्य है। इस केस में रविवार को पोस्टमार्टम नहीं हो सका। सोमवार को पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि आशा वर्कर की मौत कोरोना वैक्सीन लगने के कारण हुई या किसी अन्य बीमारी से।