ललित ठाकुर। पधर
बेटी को कैंसर पीड़ित बता इलाज के लिए धन उगाही कर रहा नेपाली मूल का शातिर राजू मंगलवार को भड़वाहण पंचायत के प्रधान कमांडो जितेंद्र ठाकुर के हत्थे चढ़ गया।
शातिर ग्राम पंचायत बड़ीधार और कुफरी में जालसाजी के साथ बेटी के इलाज के नाम पर करीब 30 हजार रुपये उगाह चुका था। जैसे ही भड़वाहण पंचायत कार्यालय पहुंचा, प्रधान से अपनी बेटी को कैंसर पीड़ित बता कर आर्थिक मदद की गुहार लगाई। प्रधान के पूछने पर बताया कि बेटी कैंसर से गंभीर ग्रस्त है और पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन है।
इलाज के लिए 10 लाख से अधिक राशि खर्च होने की बात पीजीआई के चिकित्सकों ने बताई है। जब पंचायत प्रधान दस्तावेज खंगाले तो सभी जाली पाए गए। उपचाराधीन बेटी के तीमारदारों से बात करनी चाही तो राजू ने उनके पास कोई मोबाइल न होने की बात कही। ऐसे में इमोशनल जालसाजी का शक होते देख प्रधान ने कड़ाई से पूछताछ की तो सब सच उगल दिया। उसने कधार पंचायत के खोरी गांव की महिला से शादी की है, लेकिन आजकल पधर में क्वार्टर लेकर रह रहे हैं।
शातिर राजू ने कबूल किया है कि वह पिछले 2 साल से इस तरह बेटी को कैंसर पीड़िता बता कर करीब 5 लाख रुपये इकट्ठा कर चुका है। वर्ष 2019 में जोगिंद्रनगर क्षेत्र से ही करीब 5 लाख से अधिक रुपये बेटी के इलाज के नाम पर उगाहे हैं। वहीं इलाका रणा रोपा की सभी पंचायतों में जाकर भी इलाज के नाम पैसा इकट्ठा किया है। प्रधान जितेंद्र ठाकुर ने पुलिस थाना पधर सूचित कर शातिर को पुलिस के हवाले किया है। एसएचओ केहर सिंह ने बताया कि मामले की तफ्तीश जारी है। कहां से कितना पैसा इकट्ठा किया,यह पूछताछ की जा रही है।
शातिर राजू की ये है असली कहानी और ये हैं शौक
नेपाली मूल का शातिर राजू अपने आप को जोगिंद्रनगर के मझारनू गांव का निवासी बताता है। शातिर ने पहले उरला पंचायत के खाभल गांव में वृद्ध दिव्यांग दंपति की बेटी से ब्याह रचाया, लेकिन शादी के कुछ माह बाद ही अपनी पत्नी से मारपीट करने लगा।
बाद में पत्नी को छोड़ पधर में व्यापार मंडल के पास सफाई कर्मचारी का कार्य करने लगा, जहां उसकी कधार पंचायत के खोरी गांव की एक महिला बदारी देवी से मुलाकात हो गई। करीब 50 साल की उम्र की यह महिला शादीशुदा थी। कुछ ही माह बाद उसके पति का देहांत हो गया। महिला को राजू की दोस्ती रास आई और उसे अपने साथ ले गई।
राजू और बदारी की कोई शादी नही हुई है, लेकिन दोनों अपने को पति-पत्नी मानते हैं। दोनों शराब के आदी हैं। बदारी देवी ने अपनी छोटी बेटी (नाबालिग) की शादी 12 साल की उम्र में ही चौहारघाटी की धमच्याण पंचायत के शालुपधर गांव में कर दी थी, जहां से उसका घर न बसा कर अन्य 2 जगह उसकी शादी करवाई थी। बदारी लड़की की शादी नही बल्कि उसे पैसे लेकर बेचती थी।
आजकल वही लड़की बदारी देवी और राजू के साथ ही पधर में रहती है, जिसके इलाज के नाम पर जगह-जगह पैसा इकट्ठा कर राजू और बदारी देवी की हर शाम महफ़िल सजती है। दोनों मीट, चिकन और दारू के शौकीन हैं।