हिमाचल दस्तक। ज्वालामुखी
महामारी के दौर में जहां कई जगह अपने अपनों से मुंह मोड़ रहे हैं, वहीं कई समाजसेवी समाज के प्रति अपनी जवाबदेही व कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण पेश करते हुए आगे आ रहे हैं।
ज्वालामुखी, देहरा तथा जसवां परागपुर के लाखों लोगों की कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सुविधा के लिए कोविड केयर सेंटर न बन पाने से आहत पंचायत समिति देहरा के पूर्व उपाध्यक्ष विजेंद्र कुमार ने ज्वालामुखी माता के मुख्य मंदिर के पास स्थित अपना 20 कमरों का होटल अंबा कोरोना संक्रमित मरीजों के ठहरने तथा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मंशा से मुफ्त में देने का एलान किया है।
उन्होंने कहा कि जब मर्जी प्रशासन उनके होटल का इस्तेमाल कोविड मरीजों के लिए कर सकता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि 2 उपमंडलों की जनता के लिए जहां हर दिन दर्जनों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं, के लिए कोई भी कोविड केयर की चिंता नहीं कर रहा है। विजेंद्र कुमार ने बताया कि इस मुश्किल वक्त में हर किसी को इस बीमारी की चपेट में आए लोगों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए। ज्वालामुखी में इस समय दर्जनों लोग कोविड का शिकार हो चुके हैं।
नतीजतन विजेंद्र कुमार ने अपने होटल को उन लोगों के लिए खोलने का मन बनाया है जिन्हें इस समय आइसोलेशन की दिक्कत हो रही है। उन्होंने ज्वालामुखी सिविल अस्पताल प्रशासन तथा उपमंडल अधिकारी जवालामुखी को प्रस्ताव भेज दिया है। अब प्रशासन तय करे कि किन लोगों को उनके होटल में ठहराना है। उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी तथा देहरा उपमंडल में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती तादाद को देखते हुए किसी मध्य स्थान पर कोविड अस्पताल बनाना चाहिए। इससे लोगों को धर्मशाला या टांडा में जाने से रोका जा सकता है।