राजेश। शिमला
राज्य में कोरोना की बढ़ती मार के बीच नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कांग्रेस विधायक दल की ओर से राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें गवर्नर से आग्रह किया गया है कि हिमाचल की जनता को बचाने के लिए और कोरोना काल में सरकारी फैसलों और प्रभावी कदमों की समीक्षा की जाए। प्रदेश कोरोना में प्रयोगशाला नहीं अलबता अनुसरणीय पहल वाला राज्य होना चाहिए था। कोरोना की लड़ाई में हम प्रदेश की जनता एवं सरकार के साथ है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते अब तमाम राज्य कड़े और बड़े फैसले ले रहे हैं।
दिल्ली ने लॉकडाऊन कर दिया तथा अन्य राज्य में भी कफर्यू लग रहे हैं, मगर एक साल के कोरोना काल के बाद भी हिमाचल प्रदेश की तैयारियां अधूरी देख कर परेशानी होती है। अग्रिहोत्री ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि राज्य में टीकाकरण की गति बढ़ाई जाए। प्रदेश में 45 साल से कम उम्र के लोगों को भी वैक्सीन का प्रबन्ध किया जाए। प्रदेश में वेंटीलेटर जो केन्द्र सरकार ने दिए हैं उनमें से 250 तो वापिस जा रहे हैं क्योंकि उनकी गुणवता नहीं है।
इससे पहले भी 500 वेंटीलेटर जो आए उन्हें जिलों में भेजा गया लेकिन अधिकतम जिलों में वह पेटी बंद हैं या चलाने वाले नहीं है या ट्रेंड स्टाफ की कमी है। इसलिए वेंटीलेटरों की मॉनिटरिंग करवाएं अन्यथा अधिकांश रोगी रैफर किए जा रहे हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। प्रदेश में 7 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला हुआ था, वह कहां तक पहुंचा, उसका भी मूल्यांकन किया जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मेकशिफ्ट अस्पताल बनाए जाने के मामले की भी पड़ताल की जाए जो बयानों तक ही सीमित रहे। प्रदेश में बैड कैपेसिटी बढ़ाने के लिए व्यापक कदम उठाए जाएं। टेस्टिंग की रिपोर्ट उसी रोज़ मुहैया करवाने के इंतजाम किये जाएं। अब टैस्टिंग महज अस्पताल रोगियों तक ही सीमित है और पेंडेंसी ज्यादा है।
अस्पतालों से कोरोना रोगी को एम्बूलैंस मुहैया करवाने में देरी को भी देखा जाए। अमूमन ऑक्सीजन लेवल गिरने पर एम्बूलेंस सेवा देने में घंटों देरी हो रही है। कोरोना वार्डों में डिजिटल कैमरे लगाए जाएं और उचित स्टाफ इन वार्डों में उपलब्ध रहे। इससे मरीजों के परिजनों में भरोसा आएगा। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि राजनैतिक एवं सार्वजनिक कार्यक्रमों पर बंदिशें लगाई जाए और इसका पालन सत्तारूढ़ दल भी करे।