राजेश। शिमला
राज्य में कोरोना की बढ़ती गति को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़े फैसले लिये हैं। बिलासपुर से लौटते ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुुर ने शिमला में अफसरों के साथ बैठक में कई निर्णय किये हैं। प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान 1 मई 2021 तक अब बंद रहेंगे। इनमें पहले 21 अप्रैल तक अवकाश दिया गया था। इस दौरान स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के अध्यापकों को भी अवकाश रहेगा। हालांकि मेडिकल कालेज, डैंटल कालेज और नर्सिंग कालेज खुले रहेंगे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्वास्थ्य विभाग में फील्ड के क्रियाशील स्टाफ के स्थानांतरणों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यानी अब कर्मचारी तबादलों के आदेश भी जारी नहीं होंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में तीन जिलों का दौरा कर कोविड19 की स्थिति का जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि 22 अपै्रल को मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित कर कुछ और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे ताकि प्रदेश में इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। कैबिनेट की इस बैठक में नाइट कफ्र्यू या वीकेंड लॉकडाउन और कर्मचाारियों की दफ्तरों में उपस्थिति पर निर्णय होंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए राज्य के विभिन्न अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने पर विशेषतौर पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने ऑक्सीजन और मेडिकल स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित बनाने के लिए भी प्रभावी कदम उठाने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज, आईजीएमसी शिमला, जोनल अस्पताल धर्मशाला, टांडा मेडिकल कॉलेज, सुन्दरनगर अस्पताल सहित कई अस्पतालों में बिस्तरों व आक्सीजन आपूर्ति की क्षमता बढ़ाई जाएगी। कोविड मरीजों की देखभाल के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती के लिए भी प्रबंध किए जाएंगे।
होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड संक्रमितों की उचित स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि अधिकतर मरीज घरों पर ही उपचार की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण अभियान को तेजी प्रदान की गई है और अभी तक 11.46 लाख लोगों को पहला टीका लगाया जा चुका है। जनसंख्या के अनुपात में प्रदेश टीकाकरण अभियान में देश में सातवें स्थान पर है।