विशेष संवाददाता। शिमला:
अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत एचआरटीसी कर्मचारियों के आगे आखिर सरकार झुक गई है। चुनावी माहौल में सरकार किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती, लिहाजा उसने कर्मचारियों की मांगों को मान लिया है और आपसी सहमति बन गई है। ऐसे में एचआरटीसी के कर्मचारियों ने अपना संघर्ष आगे नहीं बढ़ाने का एलान किया है। सोमवार को शाम 4 बजे अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन जेसी शर्मा की अध्यक्षता में सचिवालय में इन कर्मचारियों की संयुक्त समन्वय समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई। करीब ढाई घंटे तक चली बैठक में दोनों पक्षों में सहमति बन गई, जिसके साथ यहां पर एचआरटीसी कर्मचारियों का संभावित संघर्ष समाप्त हो गया है।
लंबित वित्तीय लाभों का होगा भुगतान
बताया जाता है कि कर्मचारियों को उनके देय वित्तीय लाभ जारी कर दिए जाएंगे, जिसके लिए उनको कहा गया है कि पहली नवंबर को उनके जो भी देय वित्तीय लाभ हैं, वो जारी कर दिए जाएंगे। उनका नाइट ओवरटाइम भी जारी कर दिया जाएगा, वहीं लंबित अंतरिम राहत और महंगाई भत्ता भी चरणबद्ध ढंग से दे दिया जाएगा। लंबे समय से ये वित्तीय लाभ रुका हुआ था, जिसको हासिल करने के लिए कर्मचारी हड़ताल पर जाने की तैयारी में थे।
रविवार को जेसीसी के पदाधिकारियों के साथ जो वादा सरकार की तरफ से किया गया था, उसको पूरा करने की बात कही गई है। इसके अलावा भी कुछ प्रशासनिक मांगें उनकी थी, जिनको मान लिया गया है। ऐसे में अब एचआरटीसी की बसें सुचारू रूप से चलेंगी और जल्दी ही इन कर्मचारियों को इनका रुका हुआ वित्तीय लाभ भी दे दिया जाएगा। मौजूदा समय में इस तरह के आंदोलन सरकार पर भारी पड़ सकते हैं। यही वजह है कि सरकार ने तुरंत इन कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया।
इसके साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीच में हस्तक्षेप किया और जेसीसी के पदाधिकारियों के साथ बातचीत की। इसके बाद अधिकारियों ने अपने स्तर पर चर्चा की। सूत्र बताते हैं कि इन कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देने के मामले में वित्त विभाग से भी विमर्श किया गया जहां से हरी झंडी मिल गई है। बैठक में कई पदाधिकारी मौजूद थे जिन्होंने कहा कि उनको अब आश्वासन नहीं चाहिए क्योंकि काफी समय से सरकार से आश्वासन मिल रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर इन लोगों में खासा रोष व्याप्त था लेकिन अब सरकार से बातचीत हो चुकी है।