राजीव भनोट, ऊना। हिमाचल प्रदेश में हिंदुत्व का राग अलापने वाली सरकार गौमाता का भरण-पोषण करने के लिए अभी तक कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पाई है। जिस कारण गाय माता को पूजने के स्थान पर हर जगह ठुकराया जा रहा है। यह बात विशिष्ट ज्योतिष सदन अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने ऊना दौरे के दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कही।
पंडित शशिपाल डोगरा ने कहा कि सरकार गौधन के साथ अत्याचार करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौवंश की रखवाली के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं हवाई स्तर पर चलाई जा रही है। गौसदन बनाए जाने की घोषणा हर पंचायत में हुई है, लेकिन अभी तक प्रदेश की अधिकत्तर पंचायतों में गौसदन नहीं बन पाएं हैं। हालात ये हो गए हैं कि अधिकत्तर गौसदनों का रखरखाव सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। गौवंश के लिए चारा नहीं मिल पा रहा है। बहुत से गौसदन तो ऐसे हैं, जिनमें गौमाता बेमौत मर रही है।
उन्होंने कहा कि बेशक सरकार गौवंश के संरक्षण का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत में गौ संरक्षण व भरण-पोषण को लेकर अभी तक कोई विशेष कार्रवाई अमल में नही लाई गई है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों के अनुसार ग्रंथों में गाय को पूजनीय स्थान दिया गया है और गाय की सनातन धर्म में पूजा की जाती है।
इसके बावजूद भी गाय के साथ अत्याचार के मामले घटित होना किसी से छिपा नही है। गौवंश के भरण-पोषण को लेकर भी पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने की की स्थिति में उन्हें गौवंश के संरक्षण को लेकर आंदोलानत्मक कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।