- पूर्व मंत्री बोले; कितना खर्च हुआ, श्वेतपत्र जारी करे सरकार
- सोनिया, राहुल की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने पर पुन: किया जाए विचार
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। धर्मशाला : कांगे्रेस ने इन्वेस्टर मीट को लेकर सवाल उठाए हैं। शनिवार को पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि सरकार ने जल्दीबाजी में बिना सोचे-समझे इन्वेस्टर मीट का आयोजन कर दिया। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर मीट पर कितना खर्च हुआ, इस पर सरकार श्वेतपत्र जारी करे। किन कार्यों पर कितना खर्च हुआ इसका विस्तृत ब्यौरा दिया जाए।
बाली ने कहा कि भले ही सीएम जयराम ठाकुर की इन्वेस्टर मीट को लेकर निवेश लाने की सोच रही हो, लेकिन इसका सही मायने में मजाक बनकर रह गया। बाली ने कहा कि प्रदेश में 10 लाख बेरोजगार सड़क पर हैं, जो कि प्रदेश की कुल जनसंख्या का 15 फीसदी है। प्रदेश में सीमेंट महंगा है और आए दिन बिजली के कट लग रहे हैं। बाली ने कहा कि विडंबना है कि करोड़ों रुपये विज्ञापन और प्रचार पर खर्च किए गए। अब तक सरकार 4 हजार करोड़ से ज्यादा के लोन ले चुकी है। अधिकारियों की टीम काम करती तो बेहतर होता, जबकि सरकार ने एक कंपनी को इसका कांट्रेक्ट दे दिया। इन्वेस्टर मीट पर हम खुली बहस को तैयार हैं।
जीएस बाली ने कहा कि हम हिमालयन स्की विलेज ला रहे थे तो उस समय वर्तमान सीएम जयराम ठाकुर विधायक थे, तब उन्होंने कहा कि देवी-देवता नाराज हो जाएंगे, स्वीकृति लेनी होगी। बाली ने कहा कि अब इन्वेस्टर मीट के लिए भी देवी देवताओं की परमिशन ली गई थी या नहीं। दो साल में धर्मशाला ओर कांगड़ा को कुछ नहीं मिला। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा को हटाने को गलत करार देते हुए बाली ने कहा कि कांग्रेस, केंद्र सरकार से इस निर्णय पर पुन: विचार का आग्रह करेगी।
बाली ने कहा कि प्रदेश सरकार बताए कि प्रदेश में जो उद्योग स्थापित हैं, उनमें से कितने चल रहे हैं और कितनों ने बंद करने का नोटिस दिया है और कितने जा चुके हैं। बेहतर होता सरकार उन उद्यमियों को ब्रांड एंबेसडर बनाती जो प्रदेश में उद्योग चल रहे हैं। बाली ने कहा कि इन्वेस्टर मीट में कोई बड़ा ग्रुप नहीं आया और जो आए, उनमें से किसी ने 500 करोड़ निवेश की हामी नहीं भरी।
विदेश से लाए जा रहे निवेशक, 118 तक की नहीं मिल रही परमिशन
बाली ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जहां विदेशों से निवेशक ला रही है, जबकि हिमाचल में पहले से काम कर रहे उद्यमियों को धारा 118 तक की परमिशन नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5 लाख लोग भी बढ़ गए तो सरकार के पास उन्हें देने के लिए पानी, बिजली व आधारभूत ढांचा तक नहीं है।
बाली ने कहा कि जो उद्यमी आए थे, वो सही मायने में निवेश भी करेंगे या मात्र औपचारिकता निभाने आए थे, इस पर भी संशय है। सरकार के पास पटवारी हैं नहीं और इन्वेस्टर मीट की जा रही है। जीएस बाली ने कहा कि इन्वेस्टर मीट राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, इसके बावजूद हिमाचली निवेशक कम थे, जबकि भाजपाई आगे थे। बाली ने कहा कि न तो इस प्रोग्राम से किसी का भला होने वाला है और न ही किसी को रोजगार मिलने वाला है।