चंद्रमोहन चौहान। ऊना
प्रदेश सरकार को व्यापार से संबंधित किसी भी कानून या अधिसूचना जारी करने से पहले व्यापारियों को भी पूछ लेना चाहिए, ताकि अधिसूचना को लागू करने से किसी को कोई परेशानी न हो सके। यह बात हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष सुमेश शर्मा ने कही। सोमवार को जारी ब्यान में सुमेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार कारोबारियों को 10-10 क्विंटल से ज्यादा आूल व प्याज न रखने पर विचार कर रही है, जो कि सही निर्णय नहीं है। इससे महंगाई पर लगाम नहीं, बल्कि महंगाई और बढ़ेगी।
उन्होंने प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि 10 क्विंटल आलू या प्याज को रखने से कीमतें नहीं बढ़ सकती और न ही हिमाचल में कोई ऐसा व्यापारी है, जो आलू प्याज की कीमतें पूरे प्रदेश में बढ़ा सकता है। दूसरी बात यह है कि आलू या प्याज हिमाचल की फसलें नहीं है, ये सभी बाहरी राज्यों से आती है और हिमाचल में एक हजार क्विंटल आलू और एक हजार क्विंटल प्याज की मांग रोजाना स्तर पर होती है, जो कि सारे का सारा बाहरी राज्यों से ही आता है।
उन्होंने कहा कि मंहगाई का कारण व्यापारी नहीं है। सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को ये देखना चाहिए कि मंहगाई का मूल कारण क्या है और कैसे इसे कंट्रोल करना है। अगर 10 क्विंटल की स्टॉक सीमा रखी, तो मंहगाई और भी ज्यादा बढ़ेगी। इतनी कम स्टॉक सीमा नहीं होनी चाहिए। इतना सा स्टॉक तो एक रिटेलर के पास ही पड़ा रहता है। सुमेश ने कहा कि एक ट्रक जिसमें 150 क्विंटल वजन का आलू या प्याज आता है और हर थोक के अढ़ती के पास 50 क्विंटल से भी ज्यादा की मांग आलू और प्याज की रोजाना की रहती है। उन्होंने कहा कि कोई भी अधिसूचना जारी करने से पहले व्यापारियों से जरूर विचार विमर्श करना चाहिए। उन्होंने विश्वास दिलाया कि मंहगाई को रोकने में हम भी सरकार का साथ देंगे।