अनूप शर्मा । बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश एटक ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्धारा श्रमिकों की दिहाडी तीन सौ रूपये बढाने की नीति का विरोध किया है। तथा इसके बदले सरकार से आशा वकर्स, मिड डे मिल तथा मजदूरों का न्यूनतम वेतन 21000 हजार रूपये करने की मांग की है। यहां पर रविवार को एटक की बैठक जिला अध्यक्ष राज कुमार ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें, प्रदेश सचिव प्रवेश चंदेल, पूर्व विधायक केके कौशल सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में आशा वकर्स, मिड डे मिल तथा आंगनवाडी वर्क्स मौजूद रही।
इस बैठक को संबोधित करते हुए एटक के जिला अध्यक्ष राजकुमार ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने महंगाई के बढते दौर में मजदूरों की दिहाडी में मामूली बढोतरी की है। जिसमें आम आदमी का गुजारा करना मुश्किल है। उन्होंने सरकार पर इस वर्ग की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार से आशा वकर्स, मिड डे मिल, आंगनवाडी वर्क्स तथा मजदूरों का न्यूनतम वेतन 21000 हजार रूपये करने की मांग की है।
उन्होंने सरकार से मंाग करते हुए कहा कि विभिन्न विभाग में रिटायर्ड होने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थान पर मिड डे कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्त किया जाए। इसके साथ एटक ने मिड डे मिल के लिए स्कूलों में 25 बच्चों की शर्त को भी वापिस लेने की मांग की है। इस अवसर पर मौजूद पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की। इस बैठक में मिड डे मिल युनियन महासचिव सुरेंद्रा, पनूम, वीना शर्मा, चंद्रकंाता, लेख राम धीमान, कर्मचंद, भाग सिंह चौधरी, राम लोक ठाकुर, शशि, राम चंद व सुशील शर्मा मौजूद रहे।