शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल प्रदेश को इस साल केंद्र से पूंजीगत व्यय के लिए एक हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि मिल सकती है। पिछले साल प्रदेश को 800 करोड़ रुपये और उससे पिछले साल 533 करोड़ रुपये की राशि मिली थी जिसके इस बार बढऩे की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने दो साल पहले स्पेशल असिस्टैंस टू स्टेट फॉर कैपिटल एक्सपेंडिचर योजना चलाई है जिसका हिमाचल प्रदेश को भी लाभ मिला है। हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के दौरान हालात काफी ज्यादा खराब हो चुके थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने पंूजीगत व्यय में सहायता के लिए इस तरह की योजना चलाई जिससे हिमाचल को भी लाभ मिला।
बताया जाता है कि यह योजना अभी भी केंद्र सरकार द्वारा चालू रखी गई है। इस योजना का लाभ इस साल भी हिमाचल को मिल सकता है और प्रदेश इसमें एक हजार करोड़ रुपये तक हासिल करने की कोशिश करेगा। यह राशि अन्य योजनाओं से अलग होगी। जानकारी के अनुसार बुधवार को शिमला में मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में 6 विभागों की बैठक योजना विभाग द्वारा आयोजित करवाई गई। इस बैठक में उद्योग विभाग, शहरी विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा और जलशक्ति विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
योजना विभाग ने बैठक में पूरे मसले को रखा जिनका कहना था कि केंद्र सरकार से जो पूंजीगत व्यय में मदद की योजना चल रही है उसका लाभ इस साल भी उठाया जा सकता है। ऐसे में इन सभी विभागों को ऐसी योजनाएं बनाकर देनी चाहिएं जिनके लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता राशि ली जा सके। अलग-अलग विभागों को पिछले दो साल में कितना पैसा इसमें मिला है इसकी भी जानकारी यहां पर रखी गई है। मुख्य सचिव ने कहा कि ये विभाग जल्द से जल्द अपने प्रोजेक्ट बनाकर देंगे जोकि योजना विभाग के माध्यम से आगे भेजे जाएंगे।
योजना विभाग खुद दिल्ली में इन प्रोजेक्टों को आगे बढ़ाएगा और इनकी निगरानी भी करेगा। क्योंकि इस साल केंद्र सरकार की ज्यादा से ज्यादा मदद की दरकार राज्य को है। जून महीने में जीएसटी में भी मुआवजा मिलना बंद हो जाएगा जिससे हिमाचल को आर्थिक नुकसान होगा। मगर किसी न किसी तरह से इस वित्तीय नुकसान की भरपाई यहां हो सके इसके लिए लगातार प्रयास होते रहेंगे।
दिल्ली जाएंगे सीएम जयराम ठाकुर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कुछ दिन बाद दिल्ली भी जा रहे हैं जो वहां अमित शाह और निर्मला सीतारमण से मुलाकात करेंगे। उनका फोकस भी हिमाचल की योजनाओं को अतिरिक्त सहायता राशि दिलाना और चुनावी वर्ष में अधिक से अधिक आर्थिक सहायता मिले इस पर रहेगा। इसके साथ-साथ यहां प्रशासनिक मशीनरी भी केंद्र से योजनाओं को हासिल करने के टार्गेट में जुट गई है।