हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के खाली हैं 14354 पद, शिक्षा विभाग बोला, 3132 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : प्रदेशभर के स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पद न भरे जाने के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भरी अदालत में प्रतिकूल टिप्पणी की। गत 26 जून को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि शिक्षकों से जुड़े भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में आठ सप्ताह के भीतर संशोधन किया जाए और इसके बाद संशोधित नियमों के अनुसार शिक्षकों की भर्ती की जाए।
शिक्षकों से जुड़े भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन करने के लिए राज्य सरकार ने इस बार फिर से 3 महीनों की मांग की थी जिस पर हाईकोर्ट ने भरी अदालत में टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या राज्य सरकार शिक्षकों से जुड़े भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन करने के लिए संविधान में संशोधन करने जितना जटिल कार्य कर रही है। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह स्कूलों में खाली पड़े पदों को इसी शैक्षणिक सत्र में भरे और अगले शैक्षणिक सत्र का इंतजार न किया जाए।
गौरतलब है कि शिक्षा सचिव ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के 14,354 पद खाली हैं।
इनमें से प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों के 25293 स्वीकृत पदों में से 1754 पद खाली चल रहे हैं और इसी तरह अपर प्राइमरी में अध्यापकों के 16185 स्वीकृत पदों में से 2499 पद खाली हैं तथा सीएंडवी के 16901 स्वीकृत पदों में से 5277 पद खाली हैं।
राज्य सरकार ने कोर्ट को दिया ब्यौरा
राज्य सरकार की ओर से न्यायालय को यह बताया गया कि जेबीटी, एलटी, शास्त्री, टीजीटी (आट्र्स), टीजीटी नॉन मेडिकल व टीजीटी मेडिकल के कुल 4491 पद 31 जुलाई, 2019 तक खाली पड़े थे। 736 पद 31 जुलाई, 2019 तक रिटायरमेंट व प्रमोशन की वजह से खाली हो गए थे। 3132 शिक्षकों के पदों को भरने के लिए प्रक्रिया जारी है। 2095 पदों को भरने के लिए पहले ही जरूरी स्वीकृति ले ली गई है। मामले पर सुनवाई 25 नवंबर, 2019 को निर्धारित की गई है।