नोएडा : जनपद गौतम बुद्ध नगर में होमगार्डों की कथित तौर पर फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाने का मामला सामने आया है। शासन स्तर की एक समिति ने मामले में जांच शुरू कर दी है। मामले में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपनी खुद की जांच के बाद होमगार्ड विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखने की संस्तुति की थी, लेकिन शासन ने अपने स्तर से भी जांच कराने का निर्णय लिया। अब इस मामले की जांच चार सदस्ईय टीम कर रही है।
जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने सोमवार को बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि होम गार्डों की ड्यूटी में बड़ा घोटाला हुआ है। कुछ होमगार्ड ड्यूटी पर नहीं आते, लेकिन होमगार्ड विभाग के अधिकारी थानों में उनकी उपस्थिति दिखाकर उनका वेतन निकाल लेते हैं। यह पूरा खेल होमगार्ड विभाग के एक संगठित गिरोह के माध्यम से होता है। पुलिस कह्रतान ने बताया कि जब उन्होंने अपने स्तर से जांच कराई तो पता चला कि होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने जिले के थाना प्रभारियों के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी मुहर के सहारे इस घोटाले को अंजाम दिया है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्होंने शासन को पत्र लिखा और दोषियों के खिलाफ कार्वाई की संस्तुति की। उनके द्वारा सरकार को पत्र लिखे जाने के बाद होमगार्ड महानिदेशक ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई। समिति में एसएसओ, लखनऊ मुख्यालय सुनील कुमार, मिर्जापुर के जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह, बागपत की मंडली कमांडेंट नीता भारती और मेरठ के मंडली कमांडेंट डीडी मौर्या शामिल हैं। यह समिति चार दिन से जनपद गौतम बुद्ध नगर में जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि जांच टीम के सदस्यों ने जिले के एक-एक थाने में जाकर 12 से 13 घंटे तक पत्रावालियों की जांच की जिसमें होमगार्ड की सबसे ज्यादा फर्जी उपस्थिति नॉलेज पार्क थानांतर्गत पाई गई हैं। जांच अधिकारियों ने कई थानों की फर्जी मुहर के साथ-साथ पत्रावलियों को भी जब्त किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि फर्जी उपस्थिति के आधार पर होमगार्ड जवानों के खाते में पैसा चला जाता था। घोटाले में शामिल लोग बाद में जवानों से अपना हिस्सा ले लेते थे। सूत्रों ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस तरह का घोटाला चल रहा है जिसमें जिला स्तर से लेकर राजधानी स्तर तक के आला अधिकारी शामिल हैं।