हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
हिमाचल प्रदेश बेसहारा घूम रहे पशुओं को आश्रय देने के मामले में देश में आदर्श राज्य बनेगा। यह बात ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज और पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग की चौथी बैठक की अध्यक्षता के दौरान कही। उन्होंने आयोग की प्रगति की समीक्षा भी की।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बेसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए प्रदेश में गौ सदनों और गौ अभ्यारण्यों को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में छोड़े हुए पशुओं को संरक्षण, पुनर्वास और आश्रय प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार अनेक प्रयास कर रही है। अब तक सरकार ने 17407 बेसहारा गौवंश को आश्रय प्रदान किया है।
उन्होंने गौ सेवा आयोग के सरकारी व गैर सरकारी सदस्यों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि गौ सेवा आयोग द्वारा लोगों को सूचना प्रदान करने के लिए शीघ्र एक वेबसाइट आरंभ की जाएगी, जिसमें अंशदान की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि एक अप्रैल से 13 जुलाई 2021 से लगभग 12.44 करोड़ में से आठ करोड़ 71 लाख खर्च किए किए गए हैं। गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा, सचिव पशुपालन डॉ. अजय शर्मा, सचिव ग्रामीण विकास संदीप भटनागर, निदेशक पशुपालन डॉ. अजमेर सिंह और गौ सेवा आयोग के सरकारी व गैर सरकारी सदस्य भी बैठक में उपस्थित थे।
योजना के तहत अब तक 2 करोड़ 85 लाख की मदद की
वीरेेंद्र कंवर ने कहा कि गौ सदन, गौशाला, गौ अभ्यारण्य सहायता योजना के अंतर्गत जो मार्च, 2021 से जून 2021 तक 2 करोड़ 85 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई है, जिसमें गौ सदन, गौशाला, गौ अभ्यारण्य को प्रत्येक गौवंश के भरण-पोषण के लिए हर महीने 500 रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तह भविष्य में भी सहायता दी जाएगी।