रोहित शर्मा। शिमला
ईद उल अजहा पर हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम एक बेतुका आदेश दिनभर सोशल मीडिया पर छाया रहा। ईद से एक रोज पहले एचआरटीसी ने अपने स्टाफ को लिखित आदेश जारी किए। ईद के दिन बसों में सफर करने वाली मुस्लिम महिलाओं को मुफ्त यात्रा दी जाए। इसका अर्थ यह था कि बस में सफर करने के लिए यदि हिंदू या ईसाई या अन्य धर्म की महिला चढ़े तो टिकट काटा जाए और यदि मुस्लिम महिला सफर करें तो टिकट ना काटा जाए।
इस तरह के बेतुके आदेश के बाद क्षेत्रीय प्रबंधक तारा देवी शिमला का एक लिखित आदेश सोशल मीडिया पर घूमना शुरू हो गया। इस पर लोगों की प्रतिक्रिया भी कहीं गुस्से में थी और कहीं लोग सरकार के इस फैसले के मजे ले रहे थे। इसकी वजह यह थी कि रक्षाबंधन या भैया दूज पर दी जाने वाली मुफ्त यात्रा की सुविधा धर्म विशेष के आधार पर नहीं होती, जबकि एचआरटीसी का यह आदेश धार्मिक आधार पर था।
इसके बारे में जब हिमाचल दस्तक ने तारा देवी दीपों के क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद कुमार शर्मा से पूछा तो उन्होंने बताया की ईद उल जुहा त्योहार पर एचआरटीसी की बसों में मुस्लिम महिलाओं को फ्री यात्रा का आदेश सिर्फ शिमला डिविजन में नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए थे। यह आदेश एचआरटीसी मुख्यालय की ओर से जारी किए गए थे। बसों में मुस्लिम महिलाओं के पहचान कैसे होगी? इसको सुनिश्चित करने के लिए मुख्यालय की ओर से कोई प्रक्रिया नहीं बताई गई है।
सरकार और प्रबंधन ने क्या कहा?
मुझे इस फैसले की जानकारी नहीं : ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी
परिवहन सचिव राम सुभाग सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि उनके स्तर पर इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है, इसलिए उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इस बारे में एचआरटीसी ही कुछ बता सकता है।
पहले से होता आया है ऐसा : एमडी एचआरटीसी
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने बताया कि यह आदेश कोई नया नहीं है। पहले से ही ऐसी परंपरा है और एचआरटीसी ने उसी अनुसार ही आदेश जारी किया है। जहां तक अलग से पहचान के लिए प्रक्रिया बताने की बात है तो इसकी जरूरत नहीं थी।