चुनाव प्रचार पर ज्यादा नहीं बोले विधानसभा अध्यक्ष , हर्षवर्धन चौहान ने कहा, आपको मिसयूज कर रही है सरकार
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। तपोवन : शीत सत्र के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव प्रचार करने का मसला भी उठा। विपक्ष ने इसे सदन की परंपरा के खिलाफ मानते हुए इस बारे में नारेबाजी भी की। हालांकि बिंदल ने इस पर कुछ तथ्य आसन से रखे, लेकिन चुनाव प्रचार पर सिर्फ इतना कहा कि चुनाव आयोग को विधानसभा सचिवालय ने विस्तृत जवाब दे दिया है।
बिंदल ने कहा कि मैं कामनवेल्थ सम्मेलन के लिए युगांडा में था, तो फेसबुक पर नेता प्रतिपक्ष का बयान देखा कि विस अध्यक्ष चुनाव प्रचार कर रहे हैं। मोबाइल का स्क्रीनशॉट भी रखा है। कांग्रेस ने तो पहले ही हल्ला डाल दिया था। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने बड़ी-बड़ी शिकायतें चुनाव आयोग को कीं। विधानसभा सचिवालय ने इसका जवाब भी आयोग को दिया है। हालांकि इसी जवाब के दौरान कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने बिंदल से कहा कि सरकार आपको मिसयूज कर रही है। बाद में कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारे भी इस बारे में लगाए।
विपक्ष को सदबुद्धि दे परमपिता: किशोरी लाल
तपोवन। नियम-130 के तहत चर्चा में भाग लेते हुए विधायक किशोरी लाल ने कहा कि विपक्ष को परमपिता परमात्मा सदबुद्धि दे। विपक्ष में बिखराव है, सभी जानते हैं। हिमाचल का वातावरण अच्छा है, लेकिन यहां रेल नेटवर्क की दिशा में काम होना चाहिए, क्योंकि उद्योगपतियों को बेहतर रेल नेटवर्क न होने से परेशानी होती है।
जो चर्चा चाहते थे, वो आज गायब : राकेश
विधायक राकेश जंबाल ने कहा कि जो कल चर्चा चाहते थे, आज चर्चा हो रही है तो वे बाहर चले गए। एक साल से इन्वेस्टर्स मीट की प्लानिंग की गई थी। बेरोजगारी प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा है, नया निवेश नहीं आएगा तो रोजगार कैसे मिलेगा। हिमाचल ऑन सेल के झूठे आरोप लगाना विपक्ष की आदत है।
समय तय करेगा इन्वेस्टर मीट के प्रभाव: सिंघा
विधायक राकेश सिंघा ने शीत सत्र के दूसरे दिन चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि इन्वेस्टर्स मीट के प्रभाव समय तय करेगा। जो प्रयास हुआ है, उसका आकलन भी जरूरी है। हिमाचल के प्राकृतिक सौंदर्य का लाभ लिया जा सकता है। इसके लिए बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवल्प करना जरूरी है।
काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती : बलबीर
विधायक बलबीर सिंह ने कहा कि विपक्ष का काम ही आरोप लगाना है, लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। यही विपक्ष पहले भी इस तरह के आरोप लगाता रहा है, लेकिन उन्हें शायद पता नहीं कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। इन्वेस्टर्स मीट कांग्रेस के लिए पॉलिटिकल स्टंट बन गया है। यह विपक्ष के लिए राजनीतिक पैंतरेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र की पूर्व भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश को लिए गए औद्योगिक पैकेज का कांग्रेस ने इस्तेमाल किया होता तो इन्वेस्टर्स मीट की जरूरत ही नहीं पड़ती।