मुंबई(भाषा): राकांपा नेता अजित पवार ने बुधवार को कहा कि वह अपनी पार्टी में बने रहेंगे और उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने का फैसला मनोनीत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लेंगे। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए पिछले सप्ताह भाजपा को समर्थन देने वाले अजित पवार ने कहा कि उनके राकांपा में बने रहने के बारे में भ्रम पैदा करने की कोई वजह नहीं है।
अजित पवार ने विधान भवन परिसर में कहा, अभी मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है, मैं सही समय आने पर बोलूंगा। मैंने पहले भी कहा था कि मैं राकांपा में हूं और मैं राकांपा में ही रहूंगा। भ्रम पैदा करने की कोई वजह नहीं है। उन्होंने कहा, मंत्रिमंडल में मुझे शामिल करने का फैसला मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे को लेना है। उन्होंने कहा, मैं किसी से भी नाखुश नहीं हूं। मेरी पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देगी, मैं उसे स्वीकार करूंगा।
इस बीच राकांपा विधायक रोहित पवार ने बुधवार को कहा कि उन्हें भरोसा था कि उनके चाचा अजित पवार पार्टी में लौट आएंगे और उन्हें खुशी है कि अजित पवार ने पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। उन्होंने यह भी कहा कि पवार परिवार एकजुट है और हमेशा रहेगा।
शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब पवार के पोते रोहित पवार ने एक समाचार चैनल से कहा, मैं भरोसा नहीं कर पाया कि यह कैसे हुआ। एक कार्यकर्ता के तौर पर मुझे इसकी विस्तृत जानकारी नहीं है।
परिवार के सदस्य के तौर पर कुछ कशमकश थी, मैं समझ नहीं सका कि क्या हो रहा है। उनसे पूछा गया था कि भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बाद अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर उन्हें कैसा लगा था। रोहित पवार ने कहा, लेकिन हमें उनकी वापसी का पूरा यकीन था। हम दादा को बहुत अच्छी तरह जानते हैं।
पुणे की बारामती सीट से 1.65 लाख मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव जीतने वाले राकांपा विधायक ने अपनी पार्टी और परिवार को पिछले शनिवार को उस समय अचंभे में डाल दिया था जब उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया और वह देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बने।
इसके बाद उसी दिन राकांपा ने उन्हें अपने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया। बहरहाल, वह पार्टी के सदस्य बने रहे। अजित पवार ने मंगलवार को निजी वजहों का हवाला देते हुए उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद फडणवीस ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया जिससे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई।