जितेंद्र गुप्ता । आनी
सिविल अस्पताल आनी से एक माह के लिए कुल्लू डेप्यूटेशन पर भेजी नर्सों को कुल्लू में ही सेवाएं देने की स्थायी व्यवस्था कर दी गयी है। अब उन्ही तीन स्टाफ नर्सों को आगामी आदेशों तक कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल और मनाली के सिविल अस्पताल में डेप्यूटेशन पर सेवाएं देने के नए आदेश स्वास्थ्य विभाग हिमाचल प्रदेश के निदेशक द्वारा जारी कर दिए गए हैं।
अब इन तीनों स्टाफ नर्सों की तनख्वाह सिविल अस्पताल आनी से निकलेगी और ये तीनों स्टाफ नर्सें सेवाएं कुल्लू और मनाली में देंगी। चिंता इस बात की भी है कि इन आदेशों को लेकर स्थानीय विधायक तक को भी भनक नहीं है। हैरानी इस बात की है कि इन तीनों स्टाफ नर्सों ने अपना एक माह का डेप्यूटेशन समाप्त होने के बाद नियमानुसार आनी सिविल अस्पताल में फिर से जोइनिंग देनी थी, लेकिन उससे पहले ही स्वास्थ्य निदेशालय से डेप्यूटेशन के नए आदेश जारी हो गए और अब आनी के सिविल अस्पताल आकर जोइनिंग देना और यहां से रिलीव होने का झंझट ही नहीं रहा। बल्कि सीधे ही कुल्लू और मनाली अस्पतालों में अपनी सेवाएं जारी कर दी हैं।
जो आनी विधानसभा क्षेत्र के अलावा आसपास की कुल 52 से ज्यादा पंचायतों के स्वास्थ्य केंद्र से लाभान्वित होने वाली जनता के स्वास्थ्य और भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। आपको बता दें कि सिविल अस्पताल आनी में स्टाफ नर्सों के 20 में से 13 पद पहले ही रिक्त चल रहे थे। जिसके बाद गत माह ही 3 स्टाफ नर्सों का आनी तबादला किया गया था। लेकिन इन तीनों को ही साथ मे आनी से कुल्लू और मनाली डेप्यूटेशन पर भेजने के भी आदेश जारी किए गए थे।
जबकि खाली चल रहे मैट्रन के एक पद को भी भरा तो गया लेकिन साथ ही उसके भी के माह के लिए रोहड़ू अस्पताल डेप्यूटेशन पर भेजने के आदेश भी दिए गए थे। फलस्वरूप आनी के सिविल अस्पताल में आज भी स्टाफ नर्सों के रिक्त पदों की संख्या ज्यूँ की त्युं हैं। जबकि कांगजों में डेप्यूटेशन पर गयी 3 स्टाफ नर्सों और एक मैट्रन का पद आनी के सिविल अस्पताल में भी भर चुका है। गौर रहे कि आनी सिविल अस्पताल से एक सप्ताह के भीतर 3 स्टाफ नर्सों और एक मैट्रन को डेप्यूटेशन पर भेजने से पहले ही स्थानीय विधायक, प्रदेश स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार जनता के निशाने पर थी।
और अब उन्हीं डेप्यूटेशन के आदेशों को आगामी आदेशों तक यानी जब तक जी चाहे तब तक डेप्यूटेशन पर रखने के इन आदेशों के साथ ही क्षेत्रीय नेतृत्व कटघरे में खड़ा हो चुका है।
पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं कामरेड नेता लोकेंद्र कुमार का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब आनी के विधायक की जानकारी के बिना ही आनी से एक एक कर स्टाफ को या तो बदल दिया गया या डेप्यूटेशन पर भेजा जाता रहा है। जो एक शर्म की बात है।
वहीं सामाजिक सुधार और आरटीआई पर काम कर रही सचेत संस्था के अध्यक्ष डोला सिंह चौहान, प्रबंध निदेशक जितेंद्र गुप्ता, कोषाध्यक्ष गुड्डू ब्रह्मचारी, सचिव गौरव मल्होत्रा, चमन शर्मा, दिवेन ठाकुर, लाल सिंह ठाकुर, सेना ठाकुर, अनूप शर्मा सहित सभी सदस्यों का कहना है कि सिविल अस्पताल आनी से स्टाफ नर्सों और मैट्रन के जोइनिंग के तुरंत बाद डेप्यूटेशन पर भेजने और डेप्यूटेशन के आदेशों को आगामी आदेशों तक अनिश्चित काल के लिए बढ़ाने के आदेशों को लेकर न्यायिक चुनौती देने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा।