कोलकाता : भारत ने गुलाबी गेंद से मिलने वाली चुनौतियों पर खरा उतरते हुए पहले दिन-रात्रि टेस्ट में बांग्लादेश को पारी और 46 रन से हराकर घरेलू सरजमीं पर लगातार 12वीं श्रृंखला जीती। बांग्लादेश ने तीसरे दिन दूसरी पारी छह विकेट पर 152 रन से शुरू की और तब वह 89 रन से पिछड़ रही थी।
इससे घरेलू टीम के लिए जीतने की औपचारिकता पूरी करना बस समय की बात थी। कप्तान विराट कोहली की टीम ने यह काम 50 मिनट से भी कम समय में पूरा कर लिया जिससे उन्होंने पारी की लगातार चौथी जीत अपने नाम की और वह ऐसा करने वाली पहली टीम बन गई। मुशफिकुर रहीम (74) को छोड़कर बांग्लादेश के बल्लेबाज एक बार फिर भारत के बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना नहीं कर सके और पूरी टीम 41.1 ओवर में 195 रन पर सिमट गई। पहले दिन टीम 106 रन पर सिमट गई थी। इस श्रृंखला में 2-0 की जीत से भारत ने 120 अंक जुटाकर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में अपनी बढ़त भी बढ़ा ली।
भारत ने इंदौर में श्रृंखला के शुरूआती मैच में पारी और 130 रन से मात दी थी। गुलाबी गेंद के इस एतिहासिक टेस्ट के लिए ईडन गार्डन्स बेहतरीन मेजबान रहा जिसमें तीनों दिन स्टेडियम खचाखच भरा रहा। इससे उस समय की याद ताजा हो आई जब टेस्ट क्रिकेट काफी लोकप्रिय हुआ करता था लेकिन मैदान पर प्रतिस्पर्धा की कमी इस मैच को लेकर चल रही हाइप के जरा भी करीब नहीं पहुंच सकी। एसजी गुलाबी गेंद का बड़े मैच में इस्तेमाल करने से पहले प्रतिस्पर्धी मैच में परीक्षण नहीं किया गया और उम्मीदों के अनुरूप इसने भारत के खतरनाक तेज गेंदबाजी आक्रमण की मदद की जिन्होंने सभी विकेट हासिल किए।
उनकी खतरनाक फार्म का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बांगलदेश के तीन बल्लेबाजों को सिर में गेंद लगने से स्थानापन्न खिलाडय़िों को उतारना पड़ा। इशांत शर्मा ने पहली पारी में पांच विकेट चटकाए थे और उमेश यादव ने दूसरी पारी में ऐसा किया। मैच को विराट कोहली के 27वें टेस्ट शतक के लिए भी याद रखा जाएगा जिससे उनके अंतरराष्ट्रीय शतकों की संख्या 70 पहुंच गई है।