महेंद्र बदरेल : रामपुर बुशहर
तीन राज्यों में जल्द 9 एक्लाईमाटाइजेशन यानी अनुकूलन सेंटर तैयार होंगे। इसमें पांच सिक्किम में, 3 अरुणाचल प्रदेश में व एक हिमाचल में बनना प्रस्तावित है। इस पर करीब 33 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। फिलहाल इस प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। अगर इस पर मुहर लगती है तो निश्चित तौर से सरहदों पर खून जमा देने वाली ठंड में सेना के जवानों को एक बड़ी राहत मिलेगी। फिलहाल सेना के जवान ऐसी कठिन परिस्थितियों में भी दिन-रात देश की रक्षा के लिए पहरा दे रहे हैं। इंडो-चाइना बॉर्डर को जोडऩे वाली सरहदों पर परिस्थितियां काफी कठिन हैं। यहां पर अकसर पारा शून्य से नीचे ही रहता है।
सर्दियों में तो यहां पर पारा काफी नीचे चला जाता है, जिससे सेना के जवान दोहरी लड़ाई लड़ते हैं। एक तरफ जवानों को दुश्मनों से देश की रक्षा करना चुनौती रहता है, वहीं दूसरी ओर मौसम का प्रतिकूल बने रहना भी बड़ा संघर्ष है। ऐसे में उस जगह के वातावरण को रहने के लिए अनुकूल बनाने को लेकर सेना गंभीर है। इसके लिए एक्लाईमाटाइजेशन सेंटर का प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसे आईटीबीपी की ओर से स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
एक्लाईमाटाइजेशन सेंटरों के निर्माण के लिए प्रस्तावित राशि 33.12 करोड़ तय की गई है। अगर इसकी स्वीकृति मिलती है तो इंडो-चाइना बॉर्डर पर एक्लाईमाटाइजेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए फिलहाल जगह का चयन नहीं किया गया है। सेना इसके लिए अपनी अनुकूलता के अनुसार निर्माण करेगी। इस सेंटर की खास बात यह है कि उस क्षेत्र में तापमान चाहे कितना भी कम हो, परिस्थितियां रहने के काबिल बिलकुल भी न हो, लेकिन इस सेंटर में कोई भी आराम से रह सकता है। यानी भीतर का तापमान व अन्य सुविधाएं रहने लायक होंगी।
सेंटरों के निर्माण पर जल्द लग सकती है मुहर
जानकारी के मुताबिक इस संबंध में जल्द ही उच्च अधिकारियों की बैठक प्रस्तावित है। इसमेें इन सेंटरों के निर्माण पर अंतिम मुहर लग सकती है। इन सेंटरों के बनने से सेना के जवानों को काफी राहत मिलेगी। खासकर वहां के कठिन और प्रतिकूल मौसम से लडऩे में सेना के जवान खुद को बेहतर स्थिति में रखेंगे। सेना सरहदों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। सेना लगातार सरहदों पर सड़कों का जाल बिछा रही है ताकि तुरंत किसी भी हलचल पर सेना एक्शन में आ सके।
इंडो-चाइना बॉर्डर पर एक्लाईमाटाइजेशन सेंटर बनना प्रस्तावित है। इसकी स्वीकृति मिलने पर कार्य शुरू होगा। 9 सेंटरों पर 33 करोड़ की राशि खर्च करने का प्रारंभिक
प्रस्ताव है।
-पांसग नेगी, अधीक्षण अभियंता
लोक निर्माण विभाग।